Edited By Punjab Kesari,Updated: 28 Jan, 2018 11:57 AM
मोदी सरकार के पांचवें बजट की तैयारी कर रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली वर्ष 2018-19 के बजट में करदाताओं को बड़ी राहत देते हुये आयकर स्लैब में बदलाव करने के साथ ही सीमा शुल्क में छूट देकर आयातित वस्तुओं पर लगने वाले कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के...
नई दिल्लीः मोदी सरकार के पांचवें बजट की तैयारी कर रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली वर्ष 2018-19 के बजट में करदाताओं को बड़ी राहत देते हुये आयकर स्लैब में बदलाव करने के साथ ही सीमा शुल्क में छूट देकर आयातित वस्तुओं पर लगने वाले कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के अनुरूप कर सकते हैं। अगले वर्ष आम चुनाव होना है और इससे पहले यह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है। अगले वर्ष सरकार अंतरिम बजट ही पेश कर सकेगी। इसलिए, उसके पास वेतनभोगियों के साथ ही व्यक्तिगत करदाताओं को खुश करने का यह अंतिम मौका है।
इसके मद्देनजर जेटली आयकर स्लैब में बदलाव कर करदाताओं, विशेषकर वेतनभागियों को बड़ी राहत दे सकते हैं। विश्लेषकों का कहना है कि सरकार कार्पोरेट कर को 25 फीसदी से कम कर सकती है क्योंकि कर में दी गयी छूटों को सरकार तर्कसंगत बना रही है। इसी तरह से न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) भी 18.5 प्रतिशत से कम कर 15 प्रतिशत किया जा सकता है। सरकार ऐसे कर प्रावधानों पर भी ध्यान दे सकती है जिससे स्टार्टअप इंडिया और कर पुनर्गठन पर मैट जैसे प्रावधानों से पड़ रहे प्रभावों से राहत मिल सके।