बजट 2019: पैतृक संपत्ति पर 35 साल बाद लग सकता है टैक्स

Edited By vasudha,Updated: 04 Jul, 2019 06:50 PM

budget 2019 it can take references to inheritance tax

सरकारी गलियारों में चर्चा है कि इस साल बजट में एस्टेट ड्यूटी या इन्हैरिटैंस टैक्स फिर से लगाया जा सकता है। विपक्ष इस पर एतराज कर रहा है जबकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे सामाजिक विषमता घटेगी...

नई दिल्ली: सरकारी गलियारों में चर्चा है कि इस साल बजट में एस्टेट ड्यूटी या इन्हैरिटैंस टैक्स फिर से लगाया जा सकता है। विपक्ष इस पर एतराज कर रहा है जबकि अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इससे सामाजिक विषमता घटेगी। सरकार के सामने पैसा जुटाने की चुनौती है। सोमवार को आए आंकड़े बता रहे हैं कि 2 महीनों में जी.एस.टी. कलैक्शन औसतन करीब 14,000 करोड़ महीने कम हो गया। वित्त मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2019 में कुल जी.एस.टी. कलैक्शन 1,13,865 करोड़ रुपए था जबकि मई 2019 में यह 1,00,289 हो गया और जून 2019 में घटकर 99,939 करोड़ रुपए रह गया है।
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अब खबर यह है कि नए निवेश के लिए जरूरी संसाधन जुटाने के रास्ते खोज रही सरकार एस्टेट ड्यूटी या इन्हैरिटैंस टैक्स फिर से लाने पर विचार कर रही है। ये टैक्स दरअसल पैतृक संपत्ति पर लिया जाता है। इसे 1953 में पहली बार भारत में लागू किया गया और यह करीब 32 साल देश में लागू रहा। दरअसल इस टैक्स को लेकर टैक्स मुकद्दमेबाजी इतनी ज्यादा हुई कि इसे 1985 में खत्म कर दिया गया। साफ है कि यह एक मुश्किल विकल्प साबित होता रहा है और अब देखना होगा कि वित्त मंत्रालय इस बारे में आगे क्या फैसला करता है? जमीन मामलों पर नीति आयोग की विशेषज्ञ समिति के मुताबिक भारत में अभी 1 प्रतिशत लोग 58 प्रतिशत वैल्थ कंट्रोल करते हैं। ऐसे लोगों पर इन्हैरिटैंस टैक्स लगाना चाहिए। भारत में टैक्स-जी.डी.पी. रेशो कम है। उसे बढ़ाना जरूरी है। इन्हैरिटैंस टैक्स से भारत में सामाजिक असमानता घटाने में मदद होगी।

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बढ़ेगा अफोर्डेबल हाऊसिंग का दायरा!
बजट 2019 से रियल्टी और हाऊसिंग सैक्टर को काफी उम्मीदें हैं। इससे पहले 1 फरवरी को जो अंतरिम बजट पेश किया गया था, उसमें रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए काफी सारे ऐलान हुए थे और अब आने वाले पूर्ण बजट में भी माना जा रहा है कि कई ऐसे ऐलान होंगे जो रियल एस्टेट क्षेत्र की सेहत सुधारने में मदद करेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को लोकसभा में आम बजट 2019-20 पेश करेंगी। बजट में रियल एस्टेट की बात करें तो सस्ते घरों की परिभाषा में बदलाव हो सकता है। सरकार अफोर्डेबल हाऊसिंग को ध्यान में रखते हुए कुछ न कुछ नए ऐलान कर सकती है। अफोर्डेबल हाऊसिंग का दायरा बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए सस्ते लोन और ब्याज छूट की घोषणा भी इसी बजट में की जा सकती है। माना जा रहा है कि इन कदमों से घर खरीदारों के सैंटीमैंट्स सुधरेंगे और अतिरिक्त टैक्स छूट उनके लिए एक तरह से तोहफा ही बन जाएगा।रियल एस्टेट सैक्टर में फंड की कमी दूर करने पर सरकार का जोर रहेगा। लिक्विडिटी की कमी के चलते रियल एस्टेट सैक्टर में कई अटके हुए प्रोजैक्ट देखने को मिलते हैं। हो सकता है कि बजट में कोई ऐसा ऐलान हो, जिससे रियल एस्टेट सैक्टर में लिक्विडिटी की कमी की ङ्क्षचता को दूर किया जा सके। केन्द्र सरकार की कोशिश होगी कि इस सैक्टर के जरिए रोजगार के अवसर पैदा किए जाएं। इस तरह घर खरीदारों को प्रोत्साहन से इकोनॉमी में तेजी लौटेगी।

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वाहन उद्योग का सरकार से नकदी की स्थिति में सुधार के वास्ते कदम उठाने का आग्रह
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने सरकार से विशेष रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एन.बी.एफ.सी.) क्षेत्र में नकदी की स्थिति में सुधार के वास्ते कदम उठाने की अपील की है। सियाम ने कहा है कि नकदी की स्थिति में सुधार के कदमों से वाहन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिल सकता है। उद्योग संगठन के मुताबिक हर महीने वाहन उद्योग की बिक्री लगातार घट रही है। इस वजह से कई डीलरशिप बंद हो चुकी हैं। 

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