Edited By Isha,Updated: 10 Jan, 2019 02:42 PM
इस बार के बजट में मध्यम वर्ग को कर में छूट मिलने की संभावना है। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश करेंगे। नौकरियों और कॉलेजों में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय के बाद
नई दिल्ली: इस बार के बजट में मध्यम वर्ग को कर में छूट मिलने की संभावना है। वित्त मंत्री अरुण जेटली 1 फरवरी, 2019 को अंतरिम बजट पेश करेंगे। नौकरियों और कॉलेजों में आर्थिक आधार पर सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के निर्णय के बाद, अब मध्यम वर्ग को टैक्स में छूट देने पर विचार किया जा सकता है। इसके तहत नौकरी पेशा लोगों को आयकर में मिलने वाली रियायत की सीमा बढ़ाई जा सकती है या धारा 80 सी के तहत मौजूदा लिमिट 1.50 लाख रुपए से ऊपर की जा सकती है।
सीआईआई ने रखी ये डिमांड
भारतीय उद्योग संगठन (CII) ने सरकार से आगमी बजट में इंकम टैक्स छूट लिमिट को दोगुना करके 5 लाख रूपए तक करने की सिफारिश की है साथ ही बचत को प्रोमोट करने के लिए धारा 80 सी के तहत कटौती की लीमिट बढ़ा कर 2.50 लाख रूपए करने की मांग की है। संगठन ने बजट से पहले वित्त मंत्रालय को सलाह दी है कि व्यक्तिगत आयकर के उच्चतम स्लैब को भी 30 से घटाकर 25% किया जाना चाहिए । इसके अलावा, एकमुश्त 40 हजार रुपए की छूट के साथ चिकित्सा खर्च और परिवहन भत्ते पर आयकर छूट को बहाल किया जाना चाहिए।
ये हैं मौजूदा दरें
आयकर की वर्तमान दरों के तहत, 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं है। 2.5 से 5 लाख रुपए की आय पर 5% और 5 से 10 लाख रुपए तक की वार्षिक आय पर 20% कर की दर है। इसके अलावा 10 लाख रुपए से अधिक की वार्षिक आय पर 30 प्रतिशत आयकर लगता है।
सलाना आमदन |
टैक्स रेट |
2.5 लाख रुपए |
0% |
2.5 से 5 लाख रुपए |
5% |
5 से 10 लाख रुपए |
20% |
10 लाख रुपए से अधिक आमदन पर |
30% |