Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2021 11:33 AM
पिछले कुछ समय से टेलीकॉम सेक्टर मुश्किल के दौर से गुजर रहा है। जिसके चलते टेलीकॉम इंडस्ट्री सरकार से लंबे समय से वित्तीय पैकेज की मांग कर रही है। आम बजट 2021-22 में केंद्र सरकार की तरफ से टेलीकॉम क्षेत्र के लिए बड़ी सौगातों का
नई दिल्लीः पिछले कुछ समय से टेलीकॉम सेक्टर मुश्किल के दौर से गुजर रहा है। जिसके चलते टेलीकॉम इंडस्ट्री सरकार से लंबे समय से वित्तीय पैकेज की मांग कर रही है। आम बजट 2021-22 में केंद्र सरकार की तरफ से टेलीकॉम क्षेत्र के लिए बड़ी सौगातों का ऐलान किया जा सकता है। सरकार देश में 5G टेक्नोलॉजी के बुनियादी ढांचे व निवेश, तकनीक पर शोध एवं विकास, डिजाइन के लिए नई नीति की घोषणा कर सकती है, जो देश में 5 लाख करोड़ डॉलर (5 ट्रिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बन सकती है। टेलीकॉम इंडस्ट्री मोबाइल सेवा कंपनियों पर लगने वाले शुल्क में कमी की भी मांग कर रही हैं जिसमें लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम यूजेज चार्जेज शामिल हैं।
वित्तीय सलाहकार कंपनी डेलॉयट इंडिया ने बजट से जुड़ी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया भर की दिग्गज टेलीकॉम कंपनियां भारत में अपना ढांचा स्थापित करें, इसके लिए सरकार PLI scheme लेकर आई थी। लेकिन रोजगार और आर्थिक वृद्धि को रफ्तार देने के लिए अन्य प्रोत्साहनों की दरकार है।
डिजिटल नीति के तहत कर छूट का हो सकता है ऐलान
नेशनल डिजिटल कम्यूनिकेशन पॉलिसी 2018 के तहत सरकार ने पहले ही डिजिटल कम्यूनिकेशन को GDP के 8 फीसदी तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही 100 अरब डॉलर के निवेश और हर नागरिक तक 50Mbps की ब्राडबैंड स्पीड सुनिश्चित करने का लक्ष्य है। ऐसे में डिजिटल नीति के तहत प्रोत्साहन और कर छूट का ऐलान हो सकता है।
TDS के दायरे से बाहर रखने की उम्मीद
रेटिंग फर्म इक्री की रिपोर्ट में कहा गया है, टेलीकॉम इंडस्ट्री लंबित मामलों का भी निपटारा चाहती है। इनमें 2016 से पहले की नीलामी में हासिल स्पेक्ट्रम के सर्विस टैक्स पर लेवी शामिल है। इसके अलावा वह वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज के मसले का भी निपटारा चाहती है। टेलीकॉम इंडस्ट्री इस सेक्टर को TDS (टैक्स ऑन डायरेक्ट सोर्स) के दायरे से बाहर रखने के पक्ष में है। वह टेलीकॉम उपकरणों खासकर 4G/5G उपकरणों को बेसिक कस्टम ड्यूटी से छूट भी चाहती है।