नए साल में रसोईघर का बजट और बिगाड़ेगी महंगाई, 2 दर्जन वस्तुओं की कीमतों में लगातार इजाफा

Edited By Supreet Kaur,Updated: 21 Dec, 2019 10:51 AM

budget of the kitchen will further deteriorate inflation

प्याज की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर लोगों ने बगैर प्याज की सब्जी खाने की आदत भले डाल ली हो लेकिन इस कंजूसी से उनके घर का बजट नहीं संभलने वाला क्योंकि केवल प्याज ही नहीं, आम आदमी की रसोई में इस्तेमाल में लाई जानी वाली करीब 2 दर्जन वस्तुओं की....

नई दिल्लीः प्याज की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर लोगों ने बगैर प्याज की सब्जी खाने की आदत भले डाल ली हो लेकिन इस कंजूसी से उनके घर का बजट नहीं संभलने वाला क्योंकि केवल प्याज ही नहीं, आम आदमी की रसोई में इस्तेमाल में लाई जानी वाली करीब 2 दर्जन वस्तुओं की कीमतों में लगातार इजाफा हुआ है, जिस कारण महिलाओं की रसोई का बजट बिगड़ गया है। दूसरी ओर प्याज, आलू, दाल, गन्ना आदि की पैदावार करने वाले राज्यों में बाढ़ व भारी बारिश के कारण फसल को हुए नुक्सान के मद्देनजर रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों की कीमतों में नए साल में भी तेजी बने रहने के आसार हैं।

सरकार उठा रही ठोस कदम
हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा कि उत्पादन कम होने की वजह से प्याज की कीमतों में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार प्याज का निर्यात बंद करने और विभिन्न देशों से आयात करने जैसे कदम उठाने के अलावा विभिन्न राज्यों के साथ मिलकर इस समस्या से निपटने हेतु ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य की ओर से प्याज के उत्पादन को लेकर जो अनुमान दिया गया था, उससे कम पैदावार हुई है। ऐसे में कीमतों में बढ़ौतरी हुई लेकिन सवाल केवल प्याज की कीमतों का ही नहीं है, आलू की कीमतें भी बढ़ी हैं, दूध की कीमतों में इजाफा हुआ है और अब चीनी की कीमतें भी बढ़ रही हैं तथा ऐसी आशंका जताई जा रही है कि नए साल तक चीनी की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की जा सकती है।

दालों ने भी तोड़े रिकार्ड
शीतकालीन सत्र के दौरान ही उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने एक तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में लोकसभा में 22 आवश्यक खाद्य पदार्थों की खुदरा कीमतों का विवरण लोकसभा में पेश किया। इसमें जनवरी से दिसम्बर, 2019 तक के आंकड़े दिए गए। ये सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि महंगाई किस कदर पूरे साल आम आदमी की जेब पर असर करती रही। अरहर की जो दाल जनवरी 2019 में 72.84 रुपए प्रति किलो बिकी थी, उसकी कीमत दिसम्बर तक आते-आते 88.5 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। इसी प्रकार उड़द दाल 71.83 रुपए प्रति किलो से 95.25 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई।

बढ़ सकती हैं चीनी की कीमतें
इसी प्रकार चाहे सरसों, सूरजमुखी, सोया आदि तेलों की कीमतों से लेकर दूध, चीनी और चायपत्ती से लेकर नमक की कीमतों तक में इजाफा हुआ। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में देश में चीनी की कीमतों में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हो सकती है। पिछले साल पड़े सूखे, मानसून में देरी और महाराष्ट्र व कर्नाटक सरीखे गन्ना उत्पादक राज्यों में बाढ़ की विभीषिका से हुए नुक्सान के कारण चीनी के उत्पादन पर असर पडऩे की आशंका है।
 

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