Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Jan, 2022 02:59 PM
घरेलू खपत में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आई गिरावट को ध्यान में रखते हुए एक रिपोर्ट में एक फरवरी को पेश किए जाने वाले आम बजट में कुछ उपायों की जरूरत बताई गई है। रिपोर्ट में नरम राजकोषीय नीति अपनाने पर जोर देते हुए निकट अवधि में आय और नौ
मुंबईः घरेलू खपत में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आई गिरावट को ध्यान में रखते हुए एक रिपोर्ट में एक फरवरी को पेश किए जाने वाले आम बजट में कुछ उपायों की जरूरत बताई गई है। रिपोर्ट में नरम राजकोषीय नीति अपनाने पर जोर देते हुए निकट अवधि में आय और नौकरी पैदा करने वाले उपायों पर ध्यान केंद्रित करके नुकसान को कम करने के लिए कुछ कड़े उपाए उठाने का सुझाव दिया गया है।
चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के ताजा अनुमान का हवाला देते हुए क्रिसिल ने मंगलवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में घरेलू खपत इससे पिछले वित्त वर्ष के स्तर से तीन प्रतिशत अंक कम है। जीडीपी में घरेलू खपत का 55 प्रतिशत हिस्सा होता है। वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान इसमें 10.1 प्रतिशत की कमी देखी गई थी।
रिपोर्ट में घरेलू खपत के चक्र को बजट में महत्व देने की जरूरत पर बल देने के साथ कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी से पहले भी निजी खपत धीमी थी।