एक फरवरी को पेश होगा बजट, 31 जनवरी को आएगा आर्थिक सर्वे

Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Dec, 2019 11:17 AM

budget will be presented on february 1 economic survey will come on january 31

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट अगले साल एक फरवरी को पेश होगा। वहीं आर्थिक सर्वे 31 जनवरी को आएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा कि बजट को पेश करने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं।

नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट अगले साल एक फरवरी को पेश होगा। वहीं आर्थिक सर्वे 31 जनवरी को आएगा। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा कि बजट को पेश करने के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं। 2015-16 के बाद यह पहला मौका है जब बजट को शनिवार के दिन सदन में पेश किया जाएगा। अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार के बजट में कई और रियायतों की घोषणा कर सकती हैं। यह सीतारमण का दूसरा बजट होगा। 

बजट टीम को अभी तक नहीं मिले दो अफसर
भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली दूसरी सरकार की दूसरे बजट की तैयारियां जोरों पर है, लेकिन वित्त मंत्रालय की बजट तैयार करने वाली टीम में दो प्रमुख अधिकारियों की कमी बनी हुई है। इसमें एक पूर्णकालिक व्यय सचिव शामिल हैं।

छह साल के निचले 4.5 फीसदी के स्तर पर पहुंची आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने के लिए ढांचागत सुधारों की दूसरी लहर की उम्मीद में एक फरवरी को पेश होने वाले बजट, 2020-21 का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। सरकार की बजट टीम में व्यय सचिव के अलावा संयुक्त सचिव (बजट) का पद लगभग तीन महीने से खाली पड़ा है। बजट तैयार करने के लिहाज से इन दोनों अधिकारियों को खासा अहम माना जाता है। 

14 अक्तूबर से शुरू हुई थीं बजट की तैयारियां
वित्त मंत्रालय ने 14 अक्तूबर से 2020-21 के बजट की तैयारियों की कवायद शुरू की थीं। पिछले महीने कई विभागों और मंत्रालयों के साथ बैठक हुई हैं। व्यय सचिव द्वारा अन्य सचिवों और वित्तीय सलाहकारों के साथ चर्चा के बाद ही बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा।

आर्थिक सुस्ती को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के दूसरे बजट को खासा अहम माना जा रहा है। पिछले हफ्ते ही आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति में 2019-20 के लिए अपने विकास अनुमान को 6.1 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी कर दिया था।

4.5 फीसदी पर भारत की जीडीपी
इससे पहले जारी किए गए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में सुस्ती गहराने के संकेत मिले हैं। जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है। 
 

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