Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 May, 2020 09:56 AM
खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए 25 मार्च को लागू किए गए
नई दिल्लीः खुदरा कारोबारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने मंगलवार को कहा कि देश में कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए 25 मार्च को लागू किए गए लॉकडाउन से लेकर 30 अप्रैल तक भारतीय खुदरा व्यापार में करीब सात करोड़ व्यापारियों का लगभग 5.50 लाख करोड़ रुपये का व्यापार मारा गया है।
संगठन का अनुमान है कि कारोबार बंद होने से कम से कम 20 प्रतिशत व्यापारियों और उन व्यापारियों पर निर्भर लगभग 10 प्रतिशत अन्य व्यापारियों के कारोबार सिमट जाएंगे। कैट ने एक बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया कि सरकार देश के व्यापारी समुदाय को संभालने के लिए पर्याप्त राहत पैकेज दे, जिससे देश के व्यापार को इस कठिन समय से उबारा जा सके।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने भारतीय खुदरा व्यापार में बहुत बड़ी सेंध लगाई है, जिसका पूरे देश देश की अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा भारतीय रिटेलर्स लगभग 15,000 करोड़ का दैनिक कारोबार करते हैं और देश में 40 दिनों से अधिक समय से तालाबंदी चल रही है, इसका मतलब है कि 5.50 लाख करोड़ से अधिक के कारोबार का नुकसान हुआ है। इससे करीब सात करोड़ व्यापारी प्रभावित हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इन सात करोड़ व्यापारियों में लगभग 1.5 करोड़ व्यापारियों को कुछ महीनों में ही अपने व्यापार को स्थायी रूप से बंद करना पड़ेगा और लगभग 75 लाख व्यापारी जो इन 1.5 करोड़ व्यापारियों पर निर्भर हैं, उन्हें भी अपना व्यापार बंद करने पर मजबूर होना पड़ेगा।