धनतेरस पर जांच-परख कर खरीदें सोना, कहीं हो न जाएं धोखाधड़ी के शिकार

Edited By Supreet Kaur,Updated: 25 Oct, 2019 12:02 PM

buy gold on dhanteras then keep these things in mind

भारत में त्यौहारों का सीजन चल रहा है। आज धनतेरस है और इस खास मौके पर सर्राफा बाजार तैयार है। धनतेरस पर कुछ न कुछ खरीददारी किए जाने की मान्यता है। ऐसे में लोग सोने चांदी के सिक्के सहित आभूषण आदि की खरीददारी करना ज्यादा पसंद करते हैं, क्यों.........

नई दिल्लीः भारत में त्यौहारों का सीजन चल रहा है। आज धनतेरस है और इस खास मौके पर सर्राफा बाजार तैयार है। धनतेरस पर कुछ न कुछ खरीददारी किए जाने की मान्यता है। ऐसे में लोग सोने चांदी के सिक्के सहित आभूषण आदि की खरीददारी करना ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि इसमें लगाया गया पैसा वक्त बेवक्त किसी न किसी  रुप में काम आ सकता है। लेकिन इस दौरान आप सोने की खरीदारी के वक्त धोखाधड़ी का शिकार भी हो सकते हैं। आज हम आपको उन बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका ध्यान आपको सोना खरीदते वक्त जरुर रखना चाहिए।

सोने की शुद्धता
शुद्ध सोने की पहचान के लिए कैरेट को मानक माना जाता है। बता दें कि 24 कैरेट का सोना सबसे शुद्ध होता है, लेकिन 24 कैरेट के सोने का इस्तेमाल गहने बनाने के लिए नहीं किया जा सकता है। गहने बनाते समय 22 कैरेट सोने के साथ 2 कैरेट चांदी मिला दी जाती है। ऐसे में आप ख्याल रखें कि जो भी सोना आप खरीद रहे हैं वह कम से कम 22 कैरेट का हो।
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हॉलमार्क की जांच
सोने की खरीदारी करने वाले ग्राहकों के साथ कोई धोखाधड़ी ना हो इसके लिए भारत सरकार द्वारा इंडियन स्टैंडर्ड ऑफ ब्यूरो बनाया गया है। इंडियन स्टैंडर्ड ऑफ ब्यूरो खरे सोने की पहचान के लिए उस पर पर प्यूरिटी का हॉलमार्क लगा देता है। सोने की खरीदारी से पहले आप इस हॉलमार्क की जांच जरुर करें। अगर हॉलमार्क वाले आभूषण पर 999 लिखा है तो सोना 99.9 प्रतिशत शुद्ध है। अगर हॉलमार्क के साथ 916 का अंक लिखा हुआ है तो वह आभूषण 22 कैरेट का है और 91.6 प्रतिशत शुद्ध है।

पैकेजिंग का ख्याल
अगर आप सोने के सिक्के खरीदने जा रहे हैं तो इसकी पैकेजिंग का ख्याल जरुर रखें। सोने के सिक्के की पैकेजिंग पहले से खुली हुई नहीं होने चाहिए। सिक्के की पैकेजिंग उसके असली होने की सबसे बड़ी पहचान होती है।
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स्टोन वाली ज्वैलरी खरीदने से बचें
स्टोन वाली सोने की ज्वैलरी खरीदने से बचना चाहिए। इसकी वजह यह है कि सोने की ज्वैलरी में जो पत्थर लगे होते हैं वे कीमती नहीं बल्कि मामूली होते हैं। जब आप ज्वैलरी खरीदते हैं तो जौहरी कहता है कि इसमें इतने वजन का सोना और इतने भार का पत्थर है। आपको इस दर से सोने का भाव देना होगा। आपके पास जौहरी की कही बात को मानने के सिवाय दूसरा कोई चारा नहीं होता है। ऐसे में संभव है कि आपको सोने से अधिक कीमत चुकानी पड़े। इसलिए इससे बचने का प्रयास करें।

मेकिंग चार्ज को लेकर तोल-मोल करें
जौहरी सोने-चांदी की ज्वैलरी पर मेकिंग चार्ज लेते हैं। अक्सर देखा गया है कि छोटी-सी ज्वैलरी पर भी कुछ ज्वैलर्स उतना ही चार्ज वसूलते हैं जितना बड़ी व हैवी ज्वैलरी पर। धनतेरस के दिन मांग बहुत ज्यादा होने से जौहरी ज्यादा मेकिंग चार्ज वसूल लेते हैं। इसके लिए पहले से तैयार रहें और ज्वैलरी का पैसा चुकाने से पहले जितना तोल-मोल कर सकते हैं करें। इससे आप अच्छी राशि की बचत कर सकते हैं। गोल्ड ज्वैलरी खरीदते वक्त आप सर्टीफिकेट लेना न भूलें। सर्टीफिकेट में गोल्ड की कैरेट क्वॉलिटी भी जरूर चैक कर लें।
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