कैबिनेट की बैठक खत्मः वित्त आयोग का बढ़ा कार्यकाल, जूट के किसानों के लिए हुआ बड़ा ऐलान

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Nov, 2019 12:12 PM

cabinet meeting over tenure of finance commission extended

केंद्रीय कैबिनेट बैठक में 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 12 महीने बढ़ाने पर फैसला हो गया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में मदद होगी। हालांकि, ऑटो स्क्रैप पॉलिसी पर फैसला नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि 15वें...

नई दिल्लीः केंद्रीय कैबिनेट बैठक में 15वें वित्त आयोग का कार्यकाल 12 महीने बढ़ाने पर फैसला हो गया है। माना जा रहा है कि इस फैसले से वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने में मदद होगी। हालांकि, ऑटो स्क्रैप पॉलिसी पर फैसला नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि 15वें वित्त आयोग को अपनी रिपोर्ट 30 नवंबर तक सौंपनी थी। इससे पहले भी सरकार ने इसकी डेडलाइन को बढ़ा दिया था। आयोग को इस साल 30 अक्टूबर तक अपनी रिपोर्ट देनी थी।

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कैबिनेट के फैसलों पर एक नजर
फूड ग्रेंस और जूट के जरिए सरकार ने सभी अनाजों की 100 फीसदी पैकेजिंग में जूट की बोरियों का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में यह निर्णय किया गया। सीसीईए ने 100 प्रतिशत अनाज और 20 प्रतिशत चीनी की पैकिंग अनिवार्य रूप से जूट की अलग-अलग बोरियों में करने की मंजूरी दी है।

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क्या होगा असर
इस फैसले से जूट इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। कच्चे जूट की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ेगी, जूट क्षेत्र का विविधीकरण होगा और इसके साथ ही जूट प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी। सरकार की ओर से उठाया गया है यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है। जूट से जुड़े बिजनेस में करीब 3.7 लाख लोग काम करते है। इसके अलावा लाखों किसान परिवार अपनी आजीविका के लिए जूट क्षेत्रों पर ही निर्भर है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सरकार निरंतर ठोस प्रयास करती रही है।

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जूट उद्योग मुख्य रूप से सरकारी क्षेत्र पर ही निर्भर है, जो खाद्यान्न की पैकिंग के लिए हर साल 6500 करोड़ रुपए से भी अधिक कीमत की जूट बोरियां खरीदता है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि जूट उद्योग के लिए मुख्य मांग निरंतर बनी रही और इसके साथ ही इस क्षेत्र पर निर्भर कामगारों एवं किसानों की आजीविका में आवश्यक सहयोग देना संभव हो सके।

क्या होता है वित्त आयोग
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 280(1) के तहत वित्त आयोग का गठन राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है। इसमें एक अध्यक्ष और चार सदस्य होते है। ये आयोग राष्ट्रपति को सिफारिश करता है कि संघ एवं राज्यों के बीच टैक्स के जरिए होने वाली आमदनी को कैसे केंद्र और राज्य सरकार के बीच बांटा जाए।

बीते बुधवार को भी कैबिनेट बैठक हुई थी जिसमें अहम फैसले लिए गए। प्याज के बढ़ते दाम को काबू में रखने के लिए प्याज आयात करने के फैसले को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 1.2 लाख टन प्याज के आयात के सरकार के फैसले को मंजूरी दी। मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी मीडिया को देते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1.2 लाख टन प्याज आयात को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है।
 

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