फिर से हो सकती है देशभर में कैश की किल्लत, जानें क्या है वजह

Edited By ,Updated: 08 Apr, 2017 05:05 PM

cache of credit in the country can happen again

नोटबंदी के बाद देश के लोगों को एक बार फिर कैश की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.)ने नोटों की सप्लाई कम कर दी है।

नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद देश के लोगों को एक बार फिर कैश की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आर.बी.आई.)ने नोटों की सप्लाई कम कर दी है। इस वजह से देश के कई शहरों में ए.टी.एम. या तो खाली हैं या उनके शटर डाउन हैं। आर.बी.आई. ने बैंकों के लिए कैश फ्लो 25 फीसदी तक कम कर दिया है। माना जा रहा है यह सब एक योजना के तहत किया गया है।

इसलिए घटी कैश की सप्लाई
दरअसल नोटबंदी में तो डिजिटल ट्रांजैक्शन ने खूब जोर पकड़ा लेकिन 4 महीने बाद अब फिर से कैश ज्यादा चल रहा है। अब डिजिटल ट्रांजैक्शन को फिर से बढ़ाने के लिए कैश की सप्लाई घटा दी गई है। जाहिर है आर.बी.आई. के इस कदम से लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

RBI ने बैंकों के लिए नोटों की सप्लाई कम
सूत्रों के अनुसार आर.बी.आई. ने बैंकों के लिए नोटों की सप्लाई कम कर दी है। पश्चिमी- दक्षिण भारत के राज्यों में नकदी की ज्यादा कमी देखने को मिल रही है। कई बड़े सरकारी बैंकों में जमा के मुकाबले निकासी ज्यादा हो रही है। हालांकि एक फिर डिजिटल ट्रांजैक्शन की जगह लोग नकदी पर लौटते दिखे है और नकदी का इस्तेमाल रोकने के लिए आर.बी.आई. ने सप्लाई घटाने का फैसला किया है। निजी बैंकों में नकदी की कमी ज्यादा देखने को मिल रही है। कैश की इस किल्लत के बारे में बैंकों का तो कहना है कि पिछले एक महीने से ही कैश की कम आपूर्ति हो रही है।

इधर ये खबर मिली है कि 31 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में कैश सर्कुलेशन 32,470 करोड़ से घटकर 22,190 करोड़ रुपए पर आ गया है, जबकि जनवरी से मार्च के बीच ये हर हफ्ते करीब 33,000 करोड़ की औसत से बढ़ा था।

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