Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Apr, 2019 06:25 PM
ब्रितानी कंपनी केयर्न एनर्जी का भारत सरकार के साथ कर विवाद की कानूनी लड़ाई का खर्च 2017 के मुकाबले 2018 में लगभग तीन गुना बढ़ गया। कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में चल र
नई दिल्लीः ब्रितानी कंपनी केयर्न एनर्जी का भारत सरकार के साथ कर विवाद की कानूनी लड़ाई का खर्च 2017 के मुकाबले 2018 में लगभग तीन गुना बढ़ गया। कंपनी की सालाना रिपोर्ट में कहा गया है कि इस संबंध में चल रहे मध्यस्थता अदालत के मुकदमे का खर्च 2017 में 81 लाख डॉलर यानी 56 करोड़ रुपए था जो 2018 में बढ़कर 2.29 करोड़ डॉलर यानी 158.4 करोड़ रुपए हो गया। केयर्न एनर्जी ने देश के सबसे बड़े तेल भंडार की खोज की है।
जनवरी 2014 में आयकर विभाग ने उसे 2006 में कंपनी को पुनर्संगठित करने से जुड़े एक मामले में कर देने का नोटिस जारी किया था। आयकर विभाग ने इस मामले में कंपनी की भारतीय अनुषंगी केयर्न इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को कुर्क कर लिया था। विभाग ने कंपनी पर आंतरिक पुनर्गठन से हुए कथित पूंजीगत लाभ पर उससे मार्च 2015 में 10,247 करोड़ रुपए की कर मांग की थी।