कैट ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगाया दिन दहाड़े 'डकैती' का आरोप, कड़ी कार्रवाई की मांग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jan, 2021 05:22 PM

cait accuses ecommerce companies of robbery in broad daylight

व्यापारिक संगठन कनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर उपभोक्ताओं के साथ दिन दहाड़े डकैती का आरोप लगाया है। कैट ने केंद्र सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

बिजनेस डेस्कः व्यापारिक संगठन कनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर उपभोक्ताओं के साथ दिन दहाड़े डकैती का आरोप लगाया है। कैट ने केंद्र सरकार से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। कैट ने कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी और अन्य विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी हठधर्मी के चलते उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) कानून 2020, लीगल मैट्रोलोजी (पैकेज्ड कमोडिटी) कानून 2011 तथा फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी द्वारा जारी दिशा निर्देशों का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं।

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कैट का कहना है कि इन कानूनों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ई-कॉमर्स पोर्टल पर विक्रेता एवं वस्तु से संबंधित प्रत्येक जानकारी को साफ-साफ प्रत्येक उत्पाद के साथ लिखना अनिवार्य है लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियों इनकी खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं, इसलिए इन कंपनियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाए। यह एक तरीके से भारत में ई-कॉमर्स कंपनियों और ऑनलाइन वितरण तंत्र द्वारा दिन के उजाले में लूट का मामला है।

खुलेआम लूट
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने गोयल को भेजे पत्र में कहा कि भारत में अमेजॉन, फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां खुले रूप से देश के कानूनों का उल्लंघन कर रही हैं और किसी भी सरकारी विभाग ने इसका आज तक संज्ञान ही नहीं लिया है। इससे इन कंपनियों के हौंसले मजबूत होते जा रहे हैं और देश के कानूनों की इनको कोई परवाह नहीं है। इस कारण भारत का ई-कॉमर्स व्यापार भिंडी बाजार बन गया है।

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भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि लीगल मैट्रोलोजी कानून, 2011 के नियम 10 में यह प्रावधान है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने पोर्टल पर बिकने वाले प्रत्येक उत्पाद पर निर्माता का नाम और पता, मूल देश का नाम, वस्तु का नाम, शुद्ध मात्रा, किस तिथि से पहले उपयोग (यदि लागू हो), अधिकतम खुदरा मूल्य, वस्तु का साइज आदि लिखना अनिवार्य है। यह नियम जून 2017 में लागू किया गया था और इसके पालन के लिए 6 महीने की अवधि दी गई थी ताकि 1 जनवरी, 2018 से इसका कार्यान्वयन हो सके।

स्विगी-जोमैटो नहीं मान रहे नियम
लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी इन नियमों का पालन ई-कॉमर्स कंपनियों जिनमें मुख्य रूप से ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट सहित अन्य ई-कॉमर्स कंपनियां सीधे दोषी हैं। दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि 2 फरवरी, 2017 को खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा इसी प्रकार के दिशा-निर्देश जारी किये गए थे जिसके अंतर्गत फूड बिजनस ऑपरेटर को उपरोक्त शर्तों का पालन करना अनिवार्य है लेकिन जोमैटो और स्विगी इसका खुलकर उल्लंघन कर रही हैं जो बेहद चिंताजनक है।

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उन्होंने कहा की उनकी जानकारी के अनुसार किसी भी ई-कॉमर्स इकाई ने उपरोक्त प्रावधानों का अनुपालन करते हुए एक नोडल अधिकारी नियुक्त नहीं किया है। उपभोक्ताओं के महत्वपूर्ण अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है क्योंकि वे ई-कॉमर्स पोर्टल्स से उत्पादों की खरीद के समय उत्पाद के विक्रेता या विवरण के बारे में नहीं जानते हैं लिहाजा इन पोर्टल के खिलाफ कार्रवाई होना बेहद आवश्यक है।
 

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