Edited By vasudha,Updated: 05 Feb, 2020 11:24 AM
कन्फैडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट के उस वक्तव्य का मजाक उड़ाया है जिसमें उन्होंने कहा कि वे हाल ही में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट के प्रावधानों का अध्ययन करेंगी और सरकार को बताएंगी कि किस प्रकार से देश के छोटे व्यापारियों को...
बिजनेस डेस्क: कन्फैडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेजन और फ्लिपकार्ट के उस वक्तव्य का मजाक उड़ाया है जिसमें उन्होंने कहा कि वे हाल ही में प्रस्तुत केन्द्रीय बजट के प्रावधानों का अध्ययन करेंगी और सरकार को बताएंगी कि किस प्रकार से देश के छोटे व्यापारियों को देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि में और बेहतर तरीके से जोड़ा जा सकता है। कैट ने कहा कि अमेजन एवं फ्लिपकार्ट का यह बयान गत दिनों सरकार द्वारा उनके प्रति अपनाए गए कड़े रुख को देखते हुए केवल एक लीपापोती है।
कैट ने एमेजोन एवं फ्लिपकार्ट द्वारा देश के व्यापारियों को छोटा व्यापारी कहने पर गहरी आपत्ति जताई है और कहा कि जितना बड़ा उनका कारोबार नहीं है उससे ज्यादा का योगदान देश भर के व्यापारी पहले से ही भारत की अर्थव्यवस्था में दे रहे हैं। इन कम्पनियों को अपने को बड़ा समझने की गलतफहमी को अच्छा होगा दूर कर लेना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इन दोनों कम्पनियों के इस बयान पर हैरानगी जताते हुए कहा कि ये दोनों कम्पनियां जिन्होंने देश के कानून और एफ.डी.आई. पॉलिसी का कभी पालन नहीं किया और अपने अस्वस्थ व्यापारिक मॉडल से देश के करोड़ों व्यापारियों के व्यापार को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी वे किस मुंह से व्यापारियों के हितचिंतक बनने की कोशिश कर रही हैं। देश के व्यापारियों को अपने व्यापार के लिए इन कंपनियों के सहयोग की कोई जरूरत नहीं है।