Edited By ,Updated: 30 Jan, 2017 12:20 PM
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का फायदा लोगों तक सही तरीके से पहुंचाने के लिए मोदी सरकार कई अहम प्लान तैयार कर रही है। जिसमें डी.बी.टी. के मॉडल में कई अहम बदलाव किए जा सकते हैं। इसके तहत सरकार के लेवल पर चर्चा चल रही है।
नई दिल्लीः डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डी.बी.टी.) का फायदा लोगों तक सही तरीके से पहुंचाने के लिए मोदी सरकार कई अहम प्लान तैयार कर रही है। जिसमें डी.बी.टी. के मॉडल में कई अहम बदलाव किए जा सकते हैं। इसके तहत सरकार के लेवल पर चर्चा चल रही है। जिसमें डी.बी.टी. को 3 से 4 तरीकों में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस संबंध में सरकार को सुझाव भी दिए गए हैं।
अब कैसे होती है पेमेंट
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत सरकार अभी सीधे नगद राशि दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार लेकिन केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही कई ऐसी स्कीम्स हैं, जहां पर नगद राशि भेजने के जगह दूसरे मॉडल का यूज किया जा सकता है। इसे देखते हुए सरकार के लेवल पर डीबीटी में तीन से चार मॉडल को यूज करने का चर्चा चल रही है।
क्या हो सकते हैं मॉडल
1. लाभार्थी के अकाऊंट में सीधे पैसा भेजना- इस मॉडल को अभी अपनाया जा रहा है। सरकार अपनी कई अहम स्कीम्स के लिए सबसिडी की राशि सीधे जनधन अकाऊंट के जरिए भेज रही है।
2. शर्तों के साथ कैश ट्रांसफर- इसके तहत ऐसी स्कीम को शामिल किया जा सकता है, जिसका लाभा लाभार्थी को पाने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होगा। जिसे हासिल करने के बाद सबसिडी की राशि लाभार्थी के अकाऊंट में ट्रांसफर होगी।
3. वाउचर पेमेंट- इसके तहत ऐसी स्कीम को शामिल किया जा सकता है, जहां पर सुविधाओं की पहुंच सीधे नहीं है।
क्या होगा फायदा
ऐसा होने से सरकार को उम्मीद है कि भारी मात्रा में करप्शन रूकेगा। साथ ही योजनाओं का मिसयूज नहीं हो पाएगा। इसके साथ ही लाभार्थी तक योजना का सही तरीके से लाभ पहुंचेगा। सरकार के लेवल पर इन कदमों को लागू करने की फीजबिलिटी टेस्ट भी किया जा रहा है।