प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं होने की वजह से खारिज नहीं कर सकते मोटर बीमा पॉलिसी का दावा: IRDAI

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Aug, 2020 05:41 PM

can not dismiss motor insurance policy due to lack of pollution

प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) नहीं होने की स्थिति में भी वाहन इंश्योरेंस के दावे को नकारा नहीं जा सकेगा। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI), बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है

नई दिल्लीः प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) नहीं होने की स्थिति में भी वाहन इंश्योरेंस के दावे को नकारा नहीं जा सकेगा। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDAI), बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने एक स्पष्टीकरण जारी किया है और कहा है कि बीमाकर्ता इस आधार पर मोटर बीमा पॉलिसी के दावों को अस्वीकार नहीं कर सकते हैं कि वाहन के पास वैध पीयूसी (पॉल्युशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट यानी प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र नहीं है। 
बीमा नियामक द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, "यह स्पष्ट किया जाता है कि मोटर बीमा पॉलिसी के तहत किसी भी दावे को अस्वीकार करने के लिए वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होना एक वैध कारण नहीं है।" 

IRDAI ने यह स्पष्टीकरण कुछ भ्रामक मीडिया रिपोर्टों को देखते हुए जारी किया है। सोशल मीडिया सहित कई भ्रामक रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि अगर दुर्घटना के समय कोई वैध पीयूसी प्रमाण पत्र नहीं है, तो मोटर बीमा पॉलिसी के तहत दावा देय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2018 को एमसी मेहता मामले में आदेश पारित किए थे जिनमें मोटर बीमा पॉलिसी को नवीनीकृत करते समय बीमा कंपनियों के लिए वाहन का वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना सुनिश्चित करना अनिवार्य किया था। यह निर्धारित किया गया था कि जिन वाहन मालिकों के पास वैध प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं है, वे अपने वाहनों के बीमा का नवीनीकरण नहीं कर पाएंगे। 

इरडा ने 20 अगस्त 2020 को जारी किए गए एक सर्कुलर में कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने प्रदूषण के मामले में अनुपालन की स्थिति का मुद्दा उठाया है। साथ ही कंपनियों को निर्देशों का पालन करने के लिए कहा है। इरडा ने कहा है कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (दिल्ली- एनसीआर) में भारत के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुपालन की स्थिति के बारे में चिंता जाहिर की है। इरडा ने कहा है कि ऐेस में बीमा कंपनियां सुनिश्चित करें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ईमानदारी से पालन हो। 

क्या है प्रदूषण प्रमाणपत्र 
प्रदूषण प्रमाणपत्र से पता चलता है कि वाहन से होने वाला उत्सर्जन प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के मुताबिक है या नहीं। देश में हर तरह के मोटर वाहनों के लिए प्रदूषण मानक स्तर तय किए गए हैं। वाहन द्वारा प्रदूषण उत्सर्जन की जांच के बाद वाहन मालिक को एक वैध प्रमाण पत्र दिया जाता है। इससे पता चलता है कि वाहन का प्रदूषण उत्सर्जन मानकों के अनुसार है और यह वाहन पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। सभी वाहनों को मान्य प्रदूषण प्रमाणपत्र हासिल करना जरूरी है।

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