Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Aug, 2018 01:33 PM
कैंसर मरीजों को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का फायदा उठाने के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी। सोमवार को जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट
नई दिल्लीः कैंसर मरीजों को मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का फायदा उठाने के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होगी। सोमवार को जारी दिशा-निर्देश में स्पष्ट कहा गया है कि कैंसर के मरीजों को इलाज के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होगी। 25 सितंबर को इस स्कीम को लॉन्च किया जाना है और उससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने धोखाधड़ी विरोधी दिशा-निर्देश (एंटि-फ्रॉड गाइडलाइंस) के साथ-साथ जानकारियों की गोपनीयता (डेटा प्रिवेसी) तथा सूचना सुरक्षा नीति (इन्फर्मेशन सिक्यॉरिटी पॉलिसी) जारी कर दी।
कैंसर मरीज को भर्ती होना जरूरी नहीं
आयुष्मान भारत के डेप्युटी चीफ एग्जिक्युटिव दिनेश अरोड़ा ने बताया, 'हमने ट्यूमर बोर्ड गाइडलाइंस अपनाया है, लिहाजा कैंसर के मरीज बिना अस्पताल में भर्ती हुए 5 लाख रुपए तक का फायदा उठा सकते हैं। इसमें कीमोथेरपी, दवाइयां और जांच के खर्च भी कवर किए जाएंगे।'
रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं
स्वास्थ्य मंत्री ने इस मेगा इंश्योरेंस स्कीम का लोगो भी जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को रजिस्ट्रेशन करवाने और आयुष्मान भारत योजना में शामिल अस्पतालों की सेवाओं के लिए पेमेंट करने की जरूरत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने फर्जी वेबसाइटों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर एजेंटों ने लाभार्थियों से पैसे ऐंठने की कोशिश की या वेबसाइटों के जरिए फ्रॉड किया तो आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे।
लाभार्थियों को जारी होंगे कार्ड
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि योजना के तहत लाभार्थी के रूप में व्यक्ति की पहचान के साथ उसे एक कार्ड जारी किया जाएगा ताकि वह सालाना 5 लाख रुपए तक स्वास्थ्य बीमा का लाभ ले सके।
मरीजों की मदद के लिए आरोग्य मित्र
पैनल में शामिल हरेक चिकित्सा सुविधा प्रदाता संस्थान में 'आरोग्य मित्र' प्रतिनियुक्त किए जाएंगे जो लाभार्थियों की पहचान की पुष्टि, शिकायतों का समाधान आदि की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसके लिए कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के बीच सोमवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसके तहत एक लाख आरोग्य मित्रों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पायलट बेसिस पर चल रहा है काम
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि योजना से करीब 55 करोड़ लोगों को लाभ होगा क्योंकि 10.74 करोड़ परिवार को इसके दायरे में लाने का लक्ष्य रखा गया है। स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने कहा, '29 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने सहमति पत्र पर दस्तखत किए और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के क्रियान्वयन पर काम शुरू किया। पायलट बेसिस पर 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में इसे शुरू किया गया है। योजना 25 सितंबर को पूर्ण रूप से लागू होने से पहले अन्य राज्य/केंद्र शासित प्रदेश इसे पायलट आधार पर शुरू करेंगे।'