Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Sep, 2017 01:57 PM
उच्चतम न्यायालय ने आज तीन दशक पुराने उत्पाद शुल्क अपवंचना (चोरी) मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज के
नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने आज तीन दशक पुराने उत्पाद शुल्क अपवंचना (चोरी) मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ मुकदमा चलाने का रास्ता साफ कर दिया। शीर्ष अदालत ने इस बारे में गुजरात उच्च न्यायालय के अक्तूबर 2015 के आदेश को खारिज कर दिया। इसमें कंपनी को इस मामले से बरी करते हुए कहा गया था, चूंकि केंद्रीय उत्पाद शुल्क नियम-1944 को 1994 में बिना कोई अन्य प्रावधान बताए समाप्त कर दिया गया, इसलिए मुकदमे की प्रक्रिया को जारी नहीं रखा जा सकता।
न्यायमूॢत आदर्श कुमार गोयल और न्यायर्मूतियू यू ललित की पीठ ने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के खिलाफ शुल्क अपवंचना का मामला है। इसमें मुख्य तत्व अपवंचना है। किसी प्रक्रियागत नियम को हटाने से यह आरोप समाप्त नहीं हो जाता है। अभियोजन को अपवंचना को साबित करने के वंचित नहीं रखा जाना चाहिए।’’ पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा सिर्फ एक नियम को समाप्त करने के आधार पर आरोप को खारिज करना उचित नहीं है। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश को खारिज करते हुए निचली अदालत के मार्च 2013 के उस आदेश को बहाल कर दिया जिसमें कंपनी के खिलाफ आरोप निर्धारित करने का निर्देश दिया गया था।