नोटबंदी का 'खर्च पर सीधा असर': फिच

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jun, 2017 04:31 PM

cash crunch led to   material impact on spending    says fitch

गत वर्ष नवंबर में 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने का ''खर्च पर प्रत्यक्ष प्रभाव'' पड़ा जिसकी वजह से जनवरी-मार्च तिमाही की वृद्धि धीमी पड़ी। फिच रेटिंग्स ने चेतावनी देते हुए कहा

नई दिल्ली: गत वर्ष नवंबर में 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोट बंद किए जाने का 'खर्च पर प्रत्यक्ष प्रभाव' पड़ा जिसकी वजह से जनवरी-मार्च तिमाही की वृद्धि धीमी पड़ी। फिच रेटिंग्स ने चेतावनी देते हुए कहा कि मौजूदा निवेश में कमी का असर वृद्धि के आंकड़ों पर पड़ेगा। अपनी नवीनतक वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में फिच ने कहा कि भारतीय जी.डी.पी.  (सकल घरेलू उत्पाद) में 2017 की पहली तिमाही में 'महत्वपूर्ण' गिरावट देखी गई और यह 6.1 प्रतिशत रहा जबकि अक्तूबर-दिसंबर की तिमाही में यह आंकड़ा 7 प्रतिशत था। यह वित्त वर्ष 2013-14 के बाद की चौथी तिमाही के बाद सबसे कम वृद्धि है।  
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रिपोर्ट के अनुसार घरेलू मांग में कमी देखी गई है क्योंकि नवंबर में सरकार ने मुद्रा का 86 प्रतिशत वापस ले लिया था जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव खर्च पर दिखा। फिच ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का प्रभाव 'काफी परेशान' करने वाला है। यह आंशिक तौर पर अर्थव्यवस्था के बड़े असंगठित हिस्से के व्यय करने की चुनौतियों को प्रतिबिंबित करता है। उपभोग की वृद्धि दर भी 2016-17 की चौथी तिमाही में गिरकर 7.3 प्रतिशत रही जो 2015-16 की समान अवधि में 11.3 प्रतिशत थी।  

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