Edited By ,Updated: 09 Nov, 2016 02:01 PM
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) ने आज कहा कि 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध कालेधन पर अंकुश लगाने तथा बड़ी मात्रा में धन रखने पर रोक लगाने की दृष्टि से एक काफी अच्छा कदम है।
नई दिल्लीः केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) ने आज कहा कि 500 और 1,000 रुपए के नोटों पर प्रतिबंध कालेधन पर अंकुश लगाने तथा बड़ी मात्रा में धन रखने पर रोक लगाने की दृष्टि से एक काफी अच्छा कदम है। 500,1000 रुपए के नोट मंगलवार रात के बाद महज कागज का टुकड़े बनकर रह गए हैं। लोगों को भले ही यह लग रहा हो कि यह अचानक लिया गया फैसाला है, लेकिन इसके लिए सरकार पिछले 6 महीनों से तैयारी कर रही थी। सरकार ने इनकम टैक्स विभाग को आदेश दिया है कि वह बैंकों के साथ तालमेल स्थापित कर 2 लाख से ज्यादा के लेने-देन करने वाले व्यक्ति की पूरी जानकारी अपने पास रखे।
आईटी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ से इन दो नोटों को बंद करने का फैसला जाली नोटों के कारोबार पर लगाम लगाएगा। साथ ही इस कदम से काला धन रखने वालों की नींदें हराम होगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से होने वाले प्रभाव से निपटने के लिए आयकर विभाग तथा सीबीडीटी अपनी-अपनी भूमिका के तौर तरीके पर काम कर रहे हैं।
आयकर विभाग को हरेक व्यक्ति के पैन कार्ड का ब्यौरा रखने व टैक्स फाइलिंग से उसका मिलान करने को कहा गया है। विभाग के मुताबिक, दोषी पाए जाने पर सोर्स ऑफ इनकम के हिसाब से 30 से 120% तक जुर्माना लगाया जाएगा। देशभर में कैश का सर्कुलेशन करीब 17 लाख करोड़ है, जिसमें से 88 फीसदी 1000 रुपए के नोट हैं। आंकड़े बताते हैं कि 40 फीसदी कालाधन रियल एस्टेट से जमा होता है।
भारत में सोने का भंडारण 25 हजार टन है, जो कि 70 लाख करोड़ का है। इसी के साथ देश में 750-1000 टन सोना सालाना आयात होता है। नोटों को बंद करने के मसले पर कुछ लोग मोदी सरकार के फैसले को लेकर खुशी जता रहे हैं तो कुछ इस फैसले के लिए तैयार नहीं दिख रहे।