CBDT की मुखौटा कम्पनियों पर टेढ़ी नजर

Edited By Supreet Kaur,Updated: 22 May, 2018 09:54 AM

cbdt look at shell companies

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) की उन मुखौटा कम्पनियों पर टेढ़ी नजर है जिनका पंजीकरण रद्द हुआ है या फिर रद्द होने की प्रक्रिया चल रही है। बोर्ड ने कम्पनी मामलों के मंत्रालय और कम्पनी रजिस्ट्रार को इन कम्पनियों के बारे में विस्तृत जानकारी...

नई दिल्लीः केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.डी.टी.) की उन मुखौटा कम्पनियों पर टेढ़ी नजर है जिनका पंजीकरण रद्द हुआ है या फिर रद्द होने की प्रक्रिया चल रही है। बोर्ड ने कम्पनी मामलों के मंत्रालय और कम्पनी रजिस्ट्रार को इन कम्पनियों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा है। उसने साथ ही मंत्रालय से कहा है कि वह किसी भी कम्पनी का पंजीकरण रद्द करने से पहले बोर्ड को सूचित करे क्योंकि उस कम्पनी पर कर बकाया हो सकता है।

कर विभाग ने इन कम्पनियों की विस्तृत जानकारी और उन पर कर बकाए की सूचना 31 मई तक जानकारी देने को कहा है। सी.बी.डी.टी. ने कम्पनी मामलों के मंत्रालय को हाल में भेजे पत्र में कहा है कि अगर किसी कम्पनी का पंजीकरण रद्द कर दिया गया है और वह बहाली के लिए आवेदन करती है तो कम्पनी रजिस्ट्रार को राष्ट्रीय कम्पनी कानून पंचाट (एन.सी.एल.टी.) में इसका विरोध नहीं करना चाहिए क्योंकि कुछ कम्पनियों के खिलाफ  बकाया कर वसूलने की कार्रवाई चल रही है।

आयकर विभाग ने अपने नोडल अधिकारियों को विभिन्न निष्क्रिय कम्पनियों के खिलाफ  इस महीने के अंत तक एन.सी.एल.टी. के विभिन्न पीठों में मामला दायर करने को कहा है। कम्पनी मामलों के मंत्रालय का कहना है जिन कम्पनियों का पंजीकरण रद्द हुआ है वे देरी के लिए माफीनामा और सभी दस्तावेज जमा कराकर फिर से सिस्टम में वापसी कर सकती हैं। हालांकि सरकार ने साफ  किया है कि अगर कोई निदेशक अपना पंजीकरण बहाल करना चाहता है तो वह एन.सी.एल.टी. का कार्रवाई के बाद ही ऐसा कर सकता है और वह भी तब जब वह किसी अन्य मुखौटा कम्पनी से न जुड़ा हो। मुखौटा कम्पनियों की दूसरी सूची भी तैयार है जिसमें 2 लाख से अधिक कम्पनियां हैं। इन कम्पनियों को पहले ही नोटिस भेजे जा चुके हैं और जल्दी ही उनके खिलाफ  कार्रवाई हो सकती है। 

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