GST के लिए फास्ट मोड में सरकार, CBEC का नाम बदलकर करेगी CBIC

Edited By ,Updated: 25 Mar, 2017 03:07 PM

cbec to be renamed cbic under gst regime

देश में अप्रत्यक्ष कर की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) का नाम बदलकर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.आई.सी.) करने जा रही है।

नई दिल्ली. देश में अप्रत्यक्ष कर की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जी.एस.टी.) लागू करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए सरकार केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सी.बी.ई.सी.) का नाम बदलकर केन्द्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सी.बी.आई.सी.) करने जा रही है। जी.एस.टी. एक जुलाई 2017 से लागू किया जाना है।  

सी.बी.ई.सी. का नाम होगा सी.बी.आई.सी.
वित्त मंत्रालय ने एक स्टेटमेंट में कहा, ‘वैधानिक मंजूरी लेने के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स (सी.बी.ई.सी.) का नाम बदलकर सी.बी.आई.सी. किया जा रहा है।’

सी.बी.आई.सी. सेंट्रल एक्साइज लेवी और कस्टम्स के कामकाज जारी रखने के अलावा अपने सभी फील्ड फॉर्मेशंस और डायरेक्टोरेट्स की मॉनिटरिंग करेगा। साथ ही सरकार के जी.एस.टी. से संबंधित पॉलिसी निर्माण से संबंधित कामकाज में सहयोग भी करेगा।

वित्त मंत्री दे चुके हैं मंजूरी 
मंत्रालय ने कहा, ‘वित्त मंत्री अरुण जेतली ने जी.एस.टी. को लागू करने के लिए सी.बी.ई.सी. के फील्ड फॉर्मेशन के पुनर्गठन को मंजूरी दे दी है।’ साथ ही प्रस्तावित जी.एस.टी. कानूनों के प्रावधानों को लागू करने के लिए सेंट्रल एक्साइज और सर्विस टैक्स के मौजूदा स्वरूप को पुनर्गठित किया गया है। 

इसके अलावा डायरेक्टरेट जनरल ऑफ वस्तु एवं सेवाकर इंटेलिजेंस को भी मजबूत बनाया जा रहा है। साथ ही उसे कर चोरी और कालेधन के खिलाफ लड़ने के लिए सरकार की अहम विंग के तौर पर विकसित किया जा रहा है।  

जी.एस.टी. से कर चोरी पर लगेगी लगाम
अप्रत्यक्ष कर रिफॉर्म जी.एस.टी. से कर चोरी पर लगाम करने की उम्मीद है, जिससे कमोडिटी सस्ती होंगी और भारत की जी.डी.पी. ग्रोथ में 2 फीसदी का इजाफा होगा।जी.एस.टी. में एक्साइज, सर्विस टैक्स, वैट और अन्य लोकल लेवीज समाहित हो जाएंगी।

ऐसा होगा सी.बी.आई.सी. का स्वरूप
सी.बी.आई.सी. के 21 जोन, 15 सब कमिश्नरेट्स में 101 जी.एस.टी. टैक्सपेयर सर्विसेज कमिश्नर, 768 डिवीजन, 3969 रेंज, 49 ऑडिट कमिश्नरेट्स और 50 अपील्स कमिश्नरेट्स होंगे। स्टेटमेंट में कहा गया, ‘इससे अप्रत्यक्ष कर एडमिनिस्ट्रेशन स्ट्रक्चर के माध्यम से पूरे भारत में तेज टैक्सपेयर सर्विसेज सुनिश्चित होंगी।’ 

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