Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Mar, 2018 04:23 PM
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को दिए 3,250 करोड़ के लोन मामले में आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के नोडल अधिकारियों से पूछताछ की। इसके साथ ही जांच एजेंसी ने कई सारे डॉक्यूमेंट्स को भी अपने कब्जे में ले लिया है।
नई दिल्लीः केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को दिए 3,250 करोड़ के लोन मामले में आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के नोडल अधिकारियों से पूछताछ की। इसके साथ ही जांच एजेंसी ने कई सारे डॉक्यूमेंट्स को भी अपने कब्जे में ले लिया है।
पूछताछ के लिए समन
सी.बी.आई. यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस मामले में बैंक ऋण मुहैया कराने के बदले में क्या कोई मदद की गई। सी.बी.आई. के अधिकारियों ने बताया कि वे इससे संबंधित दस्तावेजों का भी अध्ययन कर रहे हैं। यदि किसी भी तरह की गड़बड़ी के सबूत मिले तो आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर एवं अन्य लोगों को विस्तृत पूछताछ के लिए समन किया जा सकता है।
यह है आरोप
उन्होंने कहा कि इस ऋण को मंजूरी देने में शामिल नोडल अधिकारियों के बयान रिकॉर्ड किए जा चुके हैं। यह 6 सप्ताह पहले दर्ज प्राथमिक जांच (पीई) के आधार पर किया गया। पीई में वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर एवं अन्य को नामजद किया गया है। इस ऋण को तब सूर्खियां मिली जब कुछ खबरों में सवाल उठाए गए कि वीडियोकॉन को दिए गए इस कर्ज में मदद के बदले मदद का मामला शामिल है। इन मीडिया रिपोर्टों में वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत का संबंध दीपक कोचर की बनाई कंपनी न्यूपावर रीन्यूएबल्स से जोड़ा गया।