केंद्र का जून 2021 तक 50-60 लाख नौकरियां पैदा करने का लक्ष्य, कंपनियों को देगी वित्तीय सहायता

Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Nov, 2020 02:16 PM

center aims to create 50 60 lakh jobs announces financial assistance

केंद्र सरकार का टारगेट है कि आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) के माध्यम से 50-60 लाख नौकरियां फॉर्मल सेक्टर में पैदा की जाएं। इसके लिए कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा

बिजनेस डेस्कः केंद्र सरकार का टारगेट है कि आत्मानिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) के माध्यम से 50-60 लाख नौकरियां फॉर्मल सेक्टर में पैदा की जाएं। इसके लिए कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम अगले साल जून तक 50-60 लाख नौकरियां पैदा करने का टारगेट कर रहे हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के आंकड़ों से पता चलता है कि महामारी के शुरुआती महीनों में लगभग 20 लाख नौकरियां गई थीं।

श्रम और रोजगार मंत्रालय के आधिकारी ने बताया कि निजी फर्मों को नई भर्तियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि सब्सिडी पाने के लिए इस साल अक्टूबर से जून 2021 तक हर महीने अपने कर्मचारियों की संख्या में न्यूनतम बढ़ोतरी करनी होगी। सब्सिडी का लाभ पाने के लिए नियोक्ताओं को कम से कम दो कर्मचारियों को जोड़ना होगा, अगर उनके पास 50 से कम कर्मचारी हैं (इस साल सितंबर में) और 50 से अधिक होने पर कम से कम पांच कर्मचारियों को जोड़ना होगा। हालांकि, यह केवल 15,000 रुपए महीने तक सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए लागू रहेगा।

अधिकारी ने कहा, ''यदि कम से कम 50 श्रमिकों को रोजगार देने वाली फर्म एक महीने में 5 लोगों को रोजगार नहीं दे पाती है तो उसे उस महीने के लिए सब्सिडी नहीं मिलेगी। हम उन महीनों तक योगदान जारी रखेंगे जब न्यूनतम सीमा फिर से मिल जाएगी।'' सरकार जल्द ही ABRY योजना को अधिसूचित करने से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी लेगी। अभी कंपनी और कर्मचारी को ईपीएफओ के तहत सैलरी का 12-12 फीसदी देना होता है। सरकार 1,000 तक कर्मचारियों वाली फर्मों के लिए नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का हिस्सा देगी। इससे प्राइवेट कंपनियां को भी सहायता मिलेगी। वहीं 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली फर्मों के मामले में केवल कर्मचारी का हिस्सा देगी। सरकार 2 साल तक ऐसा करेगी।

कंपनियों के प्रतिनिधियों का कहना है कि सरकार को इस योजना को आसानी से चलाने का प्रयास करना चाहिए। इस तरह की योजना का संचालन एक चुनौती है। इसे ज्यादा निगरानी की जरूरत है और जटिलताएं पैदा कर सकता है। योजना शुरू होने के बाद पहली बार EPFO ​​के साथ रजिस्ट्रेशन करने वाले प्रतिष्ठानों को सभी नए कर्मचारियों के लिए सब्सिडी मिलेगी। टीमलीज की कोफाउंडर और कार्यकारी उपाध्यक्ष रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा “मुझे योजना के अच्छी लगी है क्योंकि यह बहुत अधिक औपचारिकता को बढ़ावा देगा और जब से महामारी ने हमें मारा है तबसे यह उद्योग की मांग है। हर महीने कम से कम पांच नए एम्पलॉयी जोड़ना एक चुनौती हो सकती है, खासकर छोटी कंपनियों के लिए, लेकिन कुल मिलाकर, यह योजना अच्छी है।”

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