नोएडा, ग्रेटर नोएडा में तीन लाख अटके फ्लैट्स का काम पूरा करेगी केंद्र और यूपी सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jan, 2019 01:06 PM

center and the up government will complete the work of three lakh stamps

केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बिल्डरों के पास खाली पड़ी जमीन को इस्तेमाल करनी की योजना बना रही है। केवल इतना ही सरकार यहां अटके हुए करीब

नई दिल्लीः केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के बिल्डरों के पास खाली पड़ी जमीन को इस्तेमाल करनी की योजना बना रही है। केवल इतना ही सरकार यहां अटके हुए करीब तीन लाख फ्लैट्स का काम पूरा कर उनकी डिलीवरी तेज करने के लिए फंड बनाने पर भी विचार कर रही हैं। 

स्ट्रेल फंड पर विचार 
सोमवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सरकारी बैंकों के बीच सैक्टर के लिए स्ट्रेस फंड को लेकर बातचीत हुई। बता दें पीयूष गोयल इस वक्त वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे हैं। हालांकि ये बताया नहीं गया है कि स्ट्रेस फंड कितना होगा। शुरूआत में इसके एक से दो हजार करोड़ रुपए होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में हाउसिंग सेक्रेटरी डीएस मिश्रा भी शामिल थे। बैठक में हाउसिंग मिनिस्ट्री, एनबीसीसी और बैंकों से एक ऐसी योजना बनाने के लिए कहा गया है जिस पर तुरंत कदम बढ़ाया जा सके।

खाली जमीनों पर नजर 
मीटिंग में डिवेलपरों के पास पड़ी खाली जमीनों को एनबीसीसी जैसी एजेंसियों को सौंपने के विकल्प पर भी विचार हुआ। चर्चा हुई कि एनबीसीसी इन जमीनों से संसाधन पैदा करेगी या इन्हें डिवेलप करके 10-10 साल से अटके पड़े फ्लैट्स के निर्माण का खर्चा जुटाएगी। 

फंसे हुए हैं 70 हजार फ्लैट्स 
जेपी इन्फ्राटेक, आम्रपाली और लोटस 3C की ग्रेनाइट गेट जैसी रियल्टी कंपनियों को दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इनके पास होम बायर्स के 70 हजार फ्लैट्स फंसे हैं। सूत्रों के मुताबिक, कई मामलों में अतिरिक्त रकम लगाकर फ्लैट्स के काम पूरे किए जा सकते हैं। एक तरफ बिल्डर्स पैसे जुटाने में असक्षम हैं तो दूसरी तरफ होम बायर्स ने भी कंस्ट्रक्शन को लेकर पेमेंट करना बंद कर दिया है। इससे अटके फ्लैट्स की भरमार हो गई है। इसी समस्या से पार पाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार हो रहा है। 

आम चुनाव का दबाव 
दरअसल, उत्तर प्रदेश के मुख्यंत्री योगी आदित्यनाथ आगामी लोकसभा चुनाव से पहले नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे मध्यवर्गीय आबादी के दबदबे वाले शहरों में फंसे फ्लैट्स का निर्माण पूरा कर इनकी जल्दी से डिलिवरी दिलाने को प्रयासरत है। योगी सरकार ने करीब एक साल पहले ही इस दिशा में प्रयास शुरू किया था जिसे अब और गति देने की पहल हो रही है। 

किसके पास कितनी खाली जमीन 
अकेले आम्रपाली ग्रुप में ही 43 हजार अपार्टमेंट्स फंसे हैं। उसके पास 10 हजार नए फ्लैट्स बनाने की जमीन खाली पड़ी है। उसी तरह, जेपी के पास 3,500 एकड़ खाली जमीन है जिसे बेचकर फंड जुटाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, सुपरटेक, यूनिटेक और 3C ग्रुप के पास भी अच्छी-खासी जमीन खाली पड़ी है जिसे डिवेलप किया जा सकता है। 
 

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