Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Sep, 2020 12:12 PM
राज्यों को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केन्द्र के अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने के विपक्ष के आरोपों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि क्षतिपूर्ति मामले पर जीएसटी परिषद ही विचार कर कोई रास्ता...
नई दिल्लीः राज्यों को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति के मुद्दे पर केन्द्र के अपनी जिम्मेदारी से पीछे हटने के विपक्ष के आरोपों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि क्षतिपूर्ति मामले पर जीएसटी परिषद ही विचार कर कोई रास्ता निकालेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस क्षतिपूर्ति को भारत की संचित निधि से पूरा करने का कोई प्रावधान नहीं है।
अनुदान मांगों पर लोकसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति भुगतान के मामले में वह अपने पूर्ववर्ती वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा किए गए वादे का सम्मान करेंगी। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे हम मौजूदा देवीय संकट में ही क्यों न हों, लेकिन हम राज्यों को किस प्रकार से क्षतिपूर्ति की जाए परिषद में इस पर चर्चा करेंगे।परिषद इस पर गौर करेगी कि किस प्रकार राजस्व भरपाई के लिये कर्ज लिया जा सकता है।''
वित्त मंत्री ने हालांकि, इस कमी को भारत की संचित निधि से भरपाई किए जाने को खारिज किया। उन्होंने कहा कि यह भुगतान क्षतिपूर्ति उपकर कोष से होना चाहिए। सीतारमण के जवाब के बाद लोकसभा ने ‘वर्ष 2020-21 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और संबंधित विनियोग विधेयक को मंजूरी दे दी। इसके तहत 2,35,852 करोड़ रुपए के अतिरिक्त व्यय के लिए संसद से मंजूरी मांगी गई। निचने सदन ने इसके साथ ही वर्ष 2016-17 की अतिरिक्त अनुदान की मांगों को भी मंजूरी प्रदान कर दी।
वित्त मंत्री ने कहा कि विपक्ष को अफवाह फैलाने से बचना चाहिए, हम कोविड-19 के हालात में भी राज्यों का पैसा नहीं रोक रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के मामले में केन्द्र अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट रहा है। राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति भारत की संचित निधि से देने का कोई प्रावधान नहीं है, इस मुद्दे पर जीएसटी परिषद में ही विचार विमर्श होगा।'' वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस की वजह से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए हम कर दरें बढ़ाने पर विचार नहीं कर रहे हैं। चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्यों को जीएसटी राजस्व में 2.35 लाख करोड़ रुपए की कमी रहने का अनुमान है। केन्द्र का मानना है कि इसमें से 97,000 करोड़ रुपए की कमी जीएसटी के क्रियान्वयन की वजह से आएगी जबकि शेष 1.38 लाख करोड़ रुपए की कमी कोविड-19 महामारी के प्रभाव की वजह से होगी।