अधिकार क्षेत्र से बाहर आने वाले करदाताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकेंगे केंद्र

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2018 04:57 PM

center to take action against taxpayers coming out of jurisdiction

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार के कर अधिकारियों से जीएसटी की चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है

नई दिल्लीः केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार के कर अधिकारियों से जीएसटी की चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, भले ही वे किसी भी अधिकार क्षेत्र में क्यों न आते हों। बोर्ड ने राजस्व चोरी पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया है।

सीबीआईसी ने क्षेत्रीय अधिकारियों को भेजे पत्र में कहा कि केंद्र तथा राज्य के अधिकारी सूचना आधारित प्रवर्तन कार्रवाई कर सकते हैं, भले ही करदाता उस अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता हो। पिछले साल एक जुलाई से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत केंद्र तथा राज्य अधिकारियों को सालाना कारोबार के आधार पर करदाताओं की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पत्र में इस बारे में चीजों को स्पष्ट किया गया है कि भले ही करदाता राज्य कर प्राधिकरण के अंतर्गत आते हों, केंद्र सरकार के कर अधिकारी कार्रवाई कर सकते हैं। इसी प्रकार राज्य सरकार के अधिकारी केंद्रीय प्राधिकार के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में गड़बड़ी करने वाले करदाताओं के खिलाफ कदम उठा सकते हैं।

जीएसटी परिषद ने जनवरी 2017 में यह निर्णय किया था कि केंद्र तथा राज्य कर प्रशासन दोनों को सूचना आधारित प्रवर्तन कार्रवाई करने का अधिकार होगा। सीबीआईसी ने कहा, ‘‘केंद्रीय कर और राज्य कर दोनों के अधिकारियों को सूचना के आधार पर प्रवर्तन कार्रवाई शुरू करने का अधिकार हो, भले ही करदाता किसी दूसरे प्राधिकार के अंतर्गत क्यों नहीं आता हो।’’ बोर्ड ने कहा कि कार्रवाई शुरू करने वाले प्राधिकरण को जांच प्रक्रिया पूरी करने का अधिकार होगा। वह कारण बताओ नोटिस जारी कर सकती है, कर वसूली कर सकता है और जरूरत मुताबिक अपील दायर आदि कदम उठा सकता है।

इसका मतलब है कि केंद्रीय कर अधिकारी राज्य अधिकारियों को नहीं भेजेंगे। दूसरी तरफ राज्य अधिकारी भी केंद्रीय क्षेत्र में आने वाले मामलों को केंद्र सरकार के कर अधिकारियों को नहीं भेजेंगे। अधिकारियों के अनुसार सीबीआईसी के इस कदम से गड़बड़ी करने वाले करदाताओं के खिलाफ शीघ्रता से कार्रवाई करने में मदद मिलेगी और साथ ही कर चोरी पर लगाम लगेगा। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह हर महीने एक लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। 

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