Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Jul, 2019 06:05 PM
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय पहली बाद ग्रामीण इलाकों में आमदनी बढ़ाने की योजना लागू लागू करने जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को मुफ्त में पशु, आधुनिक बॉयोगैस संयंत्र और पॉल्ट्री मुहैया कराए जाएंगे। इस साल अगस्त महीने में शुरू की जाने...
अहमदाबादः पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय पहली बाद ग्रामीण इलाकों में आमदनी बढ़ाने की योजना लागू लागू करने जा रहा है। इसके तहत ग्रामीण परिवारों को मुफ्त में पशु, आधुनिक बॉयोगैस संयंत्र और पॉल्ट्री मुहैया कराए जाएंगे। इस साल अगस्त महीने में शुरू की जाने वाली यह परियोजना प्रायोगिक आधार पर गुजरात के उन गांवों में लागू की जाएगी, जहां पशु नहीं हैं और उन्हें मुफ्त गायें व भैंस और बॉयोगैस संयंत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही मोटे तौर पर 10 परिवारों को स्वैच्छिक आधार पर मुर्गियां दी जाएंगी और उनके अंडे सरकार खरीदेगी।
पशुधन विकास, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, 'गुजरात के गांव में 463 परिवारों को चिह्नित किया गया है, जिनमें से 93 के पास पशु नहीं हैं। जिन घरों मेंं पशु हैं, उनकी आमदनी 63 लाख रुपए सालाना है। सरकार शेष परिवारों को पशु मुहैया कराएगी। साथ ही आधुनिक तकनीक वाले बॉयोगैस संयंत्र मुहैया कराए जाएंगे। संयंत्र से निकलने वाले स्लरी और गैस को 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से लिया जाएगा। इन दो प्रावधानों से कृषि से आमदनी में 200 प्रतिशत वृद्धि की संभावना है।'
सिंह ने यह भी कहा कि भारत सरकार उनके मंत्रालय के माध्यम से अगस्त में गुजरात मेंं प्रायोगिक परियोजना शुरू करेगी, जिसमें मोटे तौर पर चिह्नित 10 परिवारों को देसी मुर्गी दी जाएंगी। सिंह ने बताया कि उन्होंने बिहार में अपने कार्यकाल के दौरान इस तरह की योजना लागू की थी। उन्होंने कहा, 'इससे प्रति परिवार 8,000-10,000 रुपए आमदनी बढ़ जाती है। गुजरात में यह परियोजना लागू करने के बाद इसे पूरे देश में लागू की जाएगी। राज्य की 21 दुग्ध सहकारी समितियों से कहा गया है कि वे मुर्गियों के वितरण के लिए एक गांव चिह्नित करें।'