Edited By Supreet Kaur,Updated: 30 Jul, 2018 02:12 PM
केंद्रीय सड़क एवं बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) से संबंधित कार्य को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से वापस ले लिया है। अब यह कोष वित्त मंत्रालय के तहत आएगा। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस आदेश को मंजूरी...
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय सड़क एवं बुनियादी ढांचा कोष (सीआरआईएफ) से संबंधित कार्य को सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से वापस ले लिया है। अब यह कोष वित्त मंत्रालय के तहत आएगा। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गई है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इस आदेश को मंजूरी दे दी है। आदेश में कहा गया है कि अब सीआरआईएफ वित्त मंत्रालय के तहत आर्थिक मामलों के विभाग के अंतर्गत आएगा।
बजट-2018 में केंद्रीय सड़क कोष अधिनियम, 2000 को संशोधित कर इसे केंद्रीय सड़क एवं बुनियादी ढांचा कोष का नाम दिया गया था। इस संशोधन का उद्देश्य सीआरआईएफ के तहत सड़क उपकर से प्राप्त कोष का इस्तेमाल अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं मसलन जलमार्ग, रेल ढांचे के कुछ हिस्से और सामाजिक ढांचे (शिक्षा संस्थान और मेडिकल कॉलेज आदि) के वित्तपोषण के लिए करना है। सरकार ने हाल में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है जो सीआरआईएफ से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए कोष आवंटन पर फैसला करेगी।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार यह चार सदस्यीय समिति आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाली उपसमिति की सिफारिशों को मंजूरी देगी। उपसमिति ऐसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की सूची बनाएगी, जिनका वित्तपोषण सीआरआईएफ द्वारा किया जाएगा। समिति के अन्य सदस्यों में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, रेल मंत्री और मानव संसाधन विकास मंत्री शामिल हैं। 15 सदस्यीय उपसमिति में विभिन्न मंत्रालयों के सचिव शामिल हैं। उपसमिति विभिन्न मंत्रालयों के सीआरआईएफ से वित्तपोषित की जाने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के प्रस्ताव पर विचार करेगी।