Edited By Supreet Kaur,Updated: 18 Apr, 2018 01:17 PM
प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। चंदा कोचर द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए कर्ज के मामले में अहम जानकारी सामने आई है। चंदा कोचर को मार्च 2009 में आईसीआईसीआई बैंक का...
नई दिल्लीः प्राइवेट सेक्टर के दूसरे सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की सीईओ चंदा कोचर की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। चंदा कोचर द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए कर्ज के मामले में अहम जानकारी सामने आई है। चंदा कोचर को मार्च 2009 में आईसीआईसीआई बैंक का सीईओ बनाए जाने के कुछ ही समय बाद कुछ अज्ञात 'शुभचिंतकों' ने क्रिडेंशियल फाइनेंस का बकाया चुकाया था।
40 लाख रुपए का बकाया चुकाया
खबरों के मुताबिक क्रिडेंशियल फाइनेंस के एक मामले में 'शुभचिंतकों' ने 40 लाख रुपए बैंक इंडो-सुएज (अब केलियोन बैंक) को क्रिडेंशियल फाइनेंस की ओर से दिए थे। उसके कुछ ही समय बाद कंपनी के डायरेक्टर भी बदल दिए गए थे। विभिन्न क्रेडिटर्स के साथ हुए सेटलमेंट से चंदा कोचर के पति और क्रिडेन्शल के पूर्व एमडी दीपक कोचर के खिलाफ पहले से चला आ रहा मानहानि का एक मुकदमा भी निपट गया था। शुरुआत आईसीआईसीआई बैंक की ओर से जारी पे-ऑर्डर्स से हुई थी। कोचर परिवार ने कर्जा चुकाने के बाद क्रिडेंशियल फाइनेंस को छोड़ दिया था। यह सब चंदा कोचर के बैंक की सीईओ बनने से ठीक पहले हुआ।
8 साल पहले बैंक से जुड़ी कोचर
सेटलमेंट को अहम माना जा रहा है क्योंकि इससे कंपनी और कोचर परिवार के मेंबर्स (जो पूर्व निदेशक थे) को चंदा कोचर के देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक यानी आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनने से पहले क्रेडिटर्स के साथ विवाद खत्म करने में मदद मिली। क्रिडेंशियल फाइनेंस वही कंपनी है, जिसे कभी चंदा कोचर के पति और देवर चलाया करते थे। मार्च 2009 में कंपनी ने कई क्रेडिटर्स के साथ कोर्ट में सेटलमेंट किया था। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ बनाए जाने से करीब आठ साल पहले वह इसके बोर्ड में आ चुकी थीं। अप्रैल 2001 में वह एग्जिक्युटिव डायरेक्टर बनीं, 2006 में वह डिप्टी एमडी बनीं और 2007 से 2009 के बीच वह चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर और ज्वाइंट एमडी थीं।