Edited By Punjab Kesari,Updated: 08 Nov, 2017 02:01 PM
आयकर विभाग ने नोटबंदी से पहले और उसके बाद आय में विसंगति को देखते हुए 20,572 आयकर रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को ये जानकारी दी। विभाग ने ऐसे 1 लाख मामलों की पहचान की है जिसमें कथित रूप से कर चोरी का ऊंचा जोखिम...
नई दिल्लीः आयकर विभाग ने नोटबंदी से पहले और उसके बाद आय में विसंगति को देखते हुए 20,572 आयकर रिटर्न को विस्तृत जांच के लिए चुना है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को ये जानकारी दी। विभाग ने ऐसे 1 लाख मामलों की पहचान की है जिसमें कथित रूप से कर चोरी का ऊंचा जोखिम लगता है। इन मामलों में नोटबंदी से पहले और बाद में उनके लेनदेन का ब्यौरे का आपस में तालमेल नहीं बैठ रहा है।
आयकर विभाग 9 नवंबर 2016 से लेकर इस साल मार्च तक 900 खोज अभियान चला चुका है। इन अभियानों में उसने 636 करोड़ रुपए की नकदी सहित 900 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इस जांच अभियान से 7,961 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति की घोषणा की गई। इसमें कहा गया है कि इस दौरान विभाग ने 8,239 सर्वे भी किए, जिसमें 6,745 करोड़ रुपए के कालेधन का पता चला।
शुरु हुई जांच प्रक्रिया
आय के संबंध में एक जांच प्रक्रिया चलाई जा रही है जिसके बाद कर अधिकारी इस बात को लेकर सुनिश्चित हो जाता है कि जो रिटर्न दाखिल की गई है उसमें रिटर्न दाखिल करने वाले ने कोई कर चोरी तो नहीं की है। आयकर विभाग ने कालेधन और विदेशों में रखे गए धन का पता लगाने के लिए इस साल 31 जनवरी को आपरेशन क्लीन मनी का पहला चरण शुरू किया था।
अब तक 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की हई पहचान
सरकार ने गत वर्ष आठ नवंबर को 500 और 1,000 रुपए के नोट चलन से वापस लेने के फैसले के बाद यह कदम उठाया। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक नोटबंदी के बाद कर अधिकारियों ने 23.22 लाख बैंक खातों में 3.68 लाख करोड़ रुपए की संलिप्तता वाले 17.73 लाख संदिग्ध मामलों की पहचान की है। इन मामलों में अब तक 16.92 लाख बैंक खातों के बारे में 11.8 लाख लोगों से ऑनलाइन जवाब मिला है।