'ऊर्जा संकट: चीन का नुकसान, भारतीय स्टील व रासायनिक उद्योगों को फायदा'

Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Oct, 2021 01:17 PM

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चीन के ऊर्जा संकट से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत की रसायन और इस्पात कंपनियों को लागत और उत्पादन लाभ मिलने की उम्मीद है। विशेष रूप से चीन की बिगड़ती ऊर्जा स्थिति ने उसके औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित किया है और कारखानों के उत्पादन में...

नेशनल डेस्क: चीन के ऊर्जा संकट से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत की रसायन और इस्पात कंपनियों को लागत और उत्पादन लाभ मिलने की उम्मीद है। विशेष रूप से चीन की बिगड़ती ऊर्जा स्थिति ने उसके औद्योगिक क्षेत्रों को प्रभावित किया है और कारखानों के उत्पादन में कटौती करने के लिए मजबूर किया है। इससे देश की विशाल अर्थव्यवस्था का विकास प्रभावित हो सकता है और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर दबाव भी बढ़ सकता है। यानी ऊर्जा संकट से जहां चीन को नुक्सान हो रहा है वहीं भारतीय स्टील, रासायनिक उद्योगों को फायदा हो सकता है।

वैश्विक स्तर पर कोयले की बढ़ी हुई कीमतों, उच्च रसद लागत और सॉजिस्टिक चुनौतियों के कारण सभी क्षेत्रों में कच्चे माल की लागत में वृद्धि हुई है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (ईड रा) ने कहा कि हालांकि, चीनी समकक्षों द्वारा कम आपूर्ति के कारण भारतीय निमार्ताओं की ऑर्डर बुक में वृद्धि देखी जाएगी। इसके अलावा कच्चे माल की कीमतों मे ंवृद्धि से निर्यात किए गए सामानों की कीमतों मे वृद्धि हुई है और व्यापार की शर्तों पर परिणामी प्रतिकूल प्रभाव (इनपुट मूल्य पर निर्यात मूल्य) रुपए के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने के कारणों में से एक है। 

कमजोर रुपया भारतीय निर्यात को देगा बढ़ावा
रिपोर्ट के अनुसार चीन के उत्पादन संकट के साथ कमजोर रुपया भारतीय निर्यात को बढ़ावा देगा। हालांकि, कोयले की बढ़ी हुई कीमतों ने विश्व स्तर पर विनिर्माण लागत को बढ़ा दिया है। एजेंसी का मानना है कि सभी क्षेत्रों के निर्माता बढ़ी हुई लागत को अंतिम उपयोगकर्ता उद्योगों पर डाल देंगे, जिससे मुद्रास्फीति का दबाव बढ़ जाएगा जो अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर सकता है।

भारतीय कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगी प्रतिबंध लगाने की संभावना
रिपोर्ट के अनुसार, चीन के ऊर्जा संकट और इसके परिणामस्वरूप चीनी कंपनियों के बंद होने या विनिर्माण पर रुक-रुक कर प्रतिबंध लगाने की संभावना भारतीय कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि उनके उत्पादों की मांग घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में बड़ना तय है। इस्पात क्षेत्र पर एजेंसी ने कहा कि चीन के इस्पात उत्पादन में गिरावट और भारत के मध्यवर्ती इस्पात उत्पादों के आयात में भारतीय इस्पात कंपनियों को कम आया जोखिम और अधिक निर्यात अवसरों के माध्यम से लाभ होगा।

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