CONSUMER FORUM- चोला MS इंश्योरैंस कम्पनी ने नहीं दिया क्लेम, अब भरेगी हर्जाना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Jun, 2018 11:42 AM

chola ms insurance company did not give claim

जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम गुरदासपुर ने एक याचिकाकर्त्ता को राहत देते हुए चोला एम.एस. इंश्योरैंस कम्पनी को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्त्ता को उसकी दुर्घटनाग्रस्त बी.एम.डब्ल्यू. गाड़ी का आई.डी.वी. (इंश्योर्ड डिक्लेयर वैल्यू) राशि जो लगभग 16 लाख रुपए...

गुरदासपुरः जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम गुरदासपुर ने एक याचिकाकर्त्ता को राहत देते हुए चोला एम.एस. इंश्योरैंस कम्पनी को आदेश दिया है कि वह याचिकाकर्त्ता को उसकी दुर्घटनाग्रस्त बी.एम.डब्ल्यू. गाड़ी का आई.डी.वी. (इंश्योर्ड डिक्लेयर वैल्यू) राशि जो लगभग 16 लाख रुपए बनती है के साथ ही 10 हजार रुपए हर्जाना मुआवजा तथा 5 हजार रुपए अदालत खर्च 30 दिन में अदा करे।

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क्या है पूरा मामला
याचिकाकर्त्ता अजय गुप्ता पुत्र आजादी लाल निवासी बहरामपुर रोड गुरदासपुर ने जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम गुरदासपुर में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उसने अपनी बी.एम.डब्ल्यू. गाड़ी (नं.-पीबी-08-सी.एच-0046 मॉडल 2012) की इंश्योरैंस चोला एम.एस. इंश्योरैंस कम्पनी की जालंधर शाखा से करवाई थी। इस संबंध में मुझ से 64891 रुपए इंश्योरैंस की किस्त राशि लेकर उसे पालिसी नंबर 3362/01349351/000/00 जारी की थी जो 30-3-2017 से 29-3-2018 तक वैध थी। इंश्योरैंस में गाड़ी की कीमत 16 लाख रुपए लगाई गई, परंतु गाड़ी 6-5-2017 रात को धारीवाल के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई जिसकी जानकारी 7-6-2015 को इंश्योरैंस कम्पनी को दी गई। 

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सूचना मिलने पर इंश्योरैंस कम्पनी ने वैभव गहारना को सर्वेयर नियुक्त किया। उसे सभी कागजात आदि सौंप दिए गए। सर्वेयर के आदेश पर गाड़ी को रिपेयर के लिए साई मोटर जीरकपुर भेजा गया जिन्होंने मुरम्मत बिल का एस्टीमेट लगभग 14,09,032 रुपए बना दिया, परंतु 1-8-2017 को इंश्योरैंस कम्पनी ने कुछ ऐतराज लगा कर इंश्योरैंस क्लेम अदा करने से इंकार कर दिया।

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यह कहा फोरम ने
इस याचिका पर जिला उपभोक्ता संरक्षण फोरम गुरदासपुर के प्रधान नवीन पुरी ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि आई.डी.वी. नियम के अनुसार यदि वाहन 75 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त हो तो उसे टोटल लॉस माना जाता है। इस केस में भी वाहन का नुक्सान 75 प्रतिशत से अधिक होने के कारण इसे टोटल लॉस की श्रेणी में डाला जाना चाहिए था, इसलिए फोरम इंश्योरैंस कम्पनी को आदेश देती है कि वह याचिकाकर्त्ता को आई.डी.वी. नियम के अनुसार इंश्योरैंस राशि सहित 10 हजार रुपए हर्जाना मुआवजा तथा 5 हजार रुपए अदालत खर्च 30 दिन में अदा करे। यदि निर्धारित समय में भुगतान नहीं होता तो पूरी राशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से अदा करनी होगी।

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