Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Jun, 2018 04:55 PM
भारतीय दवा कंपनी सिपला और स्विट्जरलैंड की यूनिटाइड ने क्यू-टीआईबी दवा के दामों को कम करने के लिए समझौता किया है। ये दवा एचआईवी पीड़ितों में संक्रमण को रोकता है। यूनिटाइड ने बयान में कहा कि समझौते के तहत, सिपला कम और मध्यम आय वाले देशों में सभी...
नई दिल्लीः भारतीय दवा कंपनी सिपला और स्विट्जरलैंड की यूनिटाइड ने क्यू-टीआईबी दवा के दामों को कम करने के लिए समझौता किया है। ये दवा एचआईवी पीड़ितों में संक्रमण को रोकता है। यूनिटाइड ने बयान में कहा कि समझौते के तहत, सिपला कम और मध्यम आय वाले देशों में सभी सार्वजनिक क्षेत्र के खरीदारों के लिए दवा (क्यू-टीआईबी) के अधिकतम मूल्य में 30 प्रतिशत से अधिक की कमी करके उसे तीन डॉलर प्रति व्यक्ति से 1.99 डॉलर प्रति व्यक्ति प्रति माह तक लाएगी।
यह समझौता क्यूआईबी के दामों में कमी लाने में मददगार होगा क्योंकि एचआईवी उपचार कार्यक्रमों के लिए सरकारें एवं अंतरराष्ट्रीय वित्तपोषण निकाय बड़ी मात्रा में इसे खरीदते हैं। यूनिटाइड के कार्यकारी निदेशक लेलियो मरमोरा ने कहा, यूनिटाइड द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएं अधिक से अधिक लोगों को बेहतर एचआईवी उपचार दे रही है लेकिन उनमें संक्रमण की उच्च दर देखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस घातक संक्रमणों को रोककर एचआईवी से पीड़ित अधिकांश लोगों को स्वस्थ जीवन दिया जा सकता है। एचआईवी के विषाणु प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देते हैं, जिससे बैक्टीरिया और विषाणु से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। क्यू-टीआईबी 2017 से बाजार में उपलब्ध है लेकिन दाम अधिक होने के कारण यह लोगों की पहुंच से दूर है।