Edited By Supreet Kaur,Updated: 02 Jul, 2018 05:05 PM
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पिछले दिनों टिकट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर एयरलाइन टिकट में नाम में बदलाव और मुफ्त में टिकट कैंसिल कराने की सुविधा देकर यात्रियों को राहत दी है। लेकिन इन सुधारों में कमियां होने की संभावना है।
बिजनेस डेस्कः नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने पिछले दिनों टिकट बुकिंग के 24 घंटे के भीतर एयरलाइन टिकट में नाम में बदलाव और मुफ्त में टिकट कैंसिल कराने की सुविधा देकर यात्रियों को राहत दी है। लेकिन इन सुधारों में कमियां होने की संभावना है।
एयरलाइंस को दिया गया यह निर्देश
ड्राफ्ट में एयरलाइंस को निर्देश दिया गया है कि वह टिकटों को रद्द करने का चार्ज प्रिंट करें जिसके तहत किसी भी हालत में एयरलाइन और उनके एजेंट ईंधन सरचार्ज के साथ बेस किराए से अधिक टिकट रद्द करने के चार्ज नहीं ले सकते। अक्सर यात्रा करने वाले यात्री यह पूछते हैं कि एक यात्री को ईंधन सरचार्ज क्यों देना पड़ता है जबिक टिकट रद्द करने में तो ईंधन का प्रयोग ही नहीं होता। एयरलाइंस किस प्रकार यात्रियों को यह बता सकती हैं कि उनको ले जाने में ईंधन की कितनी खपत हुई।
ड्राफ्ट की समीक्षा करने को कहा
आईएटीए एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष बिजी इपेन ने कहा, ईंधन शुल्क टिकट कैंसिल शुल्क का हिस्सा नहीं बन सकता और किराया और ईंधन शुल्क दोनों को विलय किए बिना मूल किराया में शामिल करने का कोई भी प्रयास अवैध है और कानून का उल्लंघन है। इसलिए हम नागरिक उड्डयन मंत्रालय से अनुरोध करते हैं यह लागू करने के लिए ड्राफ्ट की समीक्षा करें ताकि किसी भी परिस्थिति में टिकट कैंसिल चार्ज बेस किराए से अधिक न हो।
यात्रियों पर बढ़ रहा बोझ
उनके अनुसार एयरलाइन के टिकट में विभिन्न घटकों को शामिल किया जाता है। बेस किराया और ईंधन सरचार्ज एयरलाइन के पास जाता है जबकि बाकी रकम एयरपोर्ट संचालकों की जेब में जाती है। उदाहरण के तौर पर एयर इंडिया तिरुवनंतपुरम से दिल्ली मार्ग पर बेस किराया रुपए 8,150 रुपए है जिसमें ईंधन सरचार्ज भी शामिल है। जबकि जेट एयरवेज किराए के रूप में 6,567 रुपए (1,800 ईंधन सरचार्ज) और इंडिगो 3,730 रुपए बेस किराया और 400 ईंधन सरचार्ज के रूप में लेती है। उन्होंने कहा इसीलिए बेस किराए से अधिक टिकट कैंसिल शुल्क चार्ज वसूलना गलत है। एेसे में जब कोई यात्री यात्रा कर ही नहीं रहा और जहाज के ईंधन की खपत ही नहीं हो रही तो ईंधन शुल्क वापिस किया जाना चाहिए।