Edited By ,Updated: 10 Jan, 2017 01:10 PM
देशभर में नोटबंदी के दौरान सहकारी बैंकों के कामकाज को लेकर आयकर विभाग ने एक बड़ा आरोप लगाया है।
नई दिल्लीः देशभर में नोटबंदी के दौरान सहकारी बैंकों के कामकाज को लेकर आयकर विभाग ने एक बड़ा आरोप लगाया है। अारोप यह है कि सहकारी बैंकों ने नोटबंदी के बाद कालेधन को बड़ी मात्रा में सफेद किया है। आयकर विभाग का कहना है कि नोटबंदी को सहकारी बैंकों ने कालेधन को सफेद करने के अवसर के तौर पर इस्तेमाल किया।
सांठगांठ होने का अंदेशा
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 8 नवंबर की रात को 500 और 1000 के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। आयकर विभाग ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार 8 नवंबर के बाद ये बैंक कालेधन को ठिकाने लगाने में अभूतपूर्व स्तर पर लगे हुए थे। साथ ही रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में कई तरीकों से साठगांठ देखने को मिली।
राजस्थान में भी सामने आया मामला
बता दें कि आयकर विभाग द्वारा जांच की गई रिपोर्ट में पाया गया कि एक मामला ऐसा है जहां राजस्थान के अलवर में बैंक के निदेशकों ने 90 संदिग्ध पहचान वाले 90 लोगों के नाम पर लोन हासिल कर 8 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। तो वहीं प्रबंधन ने करीब 2 करोड़ का कालेधन को सफेद करने के लिए इसका इस्तेमाल किया। राजस्थान के अलावा जयपुर के एक सहकारी बैंक में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए बैंक के क्लियरिंग हाउस कमरे की अलमारी में पाए गए। आपको यह जानकर अाश्चर्य होगा कि विभाग द्वारा कई शहरों में बेनामी लॉकरों से भारी मात्रा में नकद बरामद की गई। विभाग के मुताबिक, सोलापुर, पंधारपुर, सूरत और राजस्थान के जयपुर के बैंक शामिल हैं