Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jun, 2018 06:39 PM
सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनचाहे कॉल पर अंकुश लगाने के नियमों के मसौदे पर चिंता जताई है। सीओएआई का कहना है
नई दिल्लीः सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अनचाहे कॉल पर अंकुश लगाने के नियमों के मसौदे पर चिंता जताई है। सीओएआई का कहना है कि ये नियम ग्राहकों को होने वाली परेशानी से प्रभावशाली तरीके से निपटने वाले नहीं हैं। बड़ी मोबाइल कंपनियों के उद्योग संगठन ने ‘लागत लाभ विश्लेषण’ पर जोर दिया है।
सीओएआई का कहना है कि पहले से वित्तीय दबाव झेल रही दूरसंचार कंपनियों को उनकी मौजूदा प्रणाली में पूर्ण बदलाव लाने के लिए कहने से पहले नए नियमों का लागत लाभ विश्लेषण किया जाना चाहिए। सीओएआई ने अनचाहे काल तथा अनचाहे टेलीमार्केटिंग संदेशों पर नियंत्रण के लिए प्रस्तावित नियमनों पर अपनी प्रतिक्रिया में आपरेटरों पर वित्तीय दंड लगाने के प्रस्ताव का विरोध किया है।
सीओएआई ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों ने इस तरह की शिकायतों को घटाने के लिए पूरा प्रयास किया है और कुछ अंशधारकों की अनचाही कार्रवाई के लिए उन्हें दंडित नहीं किया जाना चाहिए। सीओएआई ने ट्राई को लिखित प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘हमारा विचार है कि आपरेटरों ने अनचाहे वाणिज्यिक कॉल, संदेशों को उल्लेखनीय रूप से घटाने के लिए तमाम प्रयास किए हैं और सिर्फ कुछ अंशधारकों की अनचाही कार्रवाई के लिए आपरेटरों को दंडित नहीं किया जाना चाहिए।’’
अनचाहे काल एवं संदेशों पर अंकुश लगाने के लिए ट्राई ने पिछले महीने ही ब्लॉकचैन आधारित रूपरेखा की तैयारी की है। माना जा रहा है कि यह दुनिया में अपनी तरह की पहला ढांचा होगा जिसे ग्राहकों के डेटा तक अनाधिकृत तरीके से पहुंच रोकने के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा। ट्राई ने अनचाहे टेलिमार्केटिंग काल और संदेशों के ईद गिर्द नियमों को सख्त बनाने की वकालत की है और उल्लंघन करने वालों पर 76 लाख रुपए प्रति माह तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है।