Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Apr, 2018 05:20 PM
मद्रास हाई कोर्ट ने कॉग्निजेंट के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई पर अंतरिम स्थगन दे दिया। हालांकि, अदालत ने इसके लिए यह शर्त लगाई है कि कंपनी विभाग की 2,800 करोड़ रुपए के डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स डिमांड का 15 प्रतिशत यानी 420 करोड़ रुपए दो दिनों...
चेन्नईः मद्रास हाई कोर्ट ने कॉग्निजेंट के खिलाफ आयकर विभाग की कार्रवाई पर अंतरिम स्थगन दे दिया। हालांकि, अदालत ने इसके लिए यह शर्त लगाई है कि कंपनी विभाग की 2,800 करोड़ रुपए के डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स डिमांड का 15 प्रतिशत यानी 420 करोड़ रुपए दो दिनों में जमा करें। कंपनी ने अदालत में याचिका दायर कर उसके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया रोकने की अपील की थी।
कंपनी का कहना था कि आयकर विभाग ने उसके कुछ बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। अमेरिका की इस आईटी कंपनी का कहना है कि उसने 2016 के पुनर्खरीद लेनदेन के संदर्भ में सभी करों का भुगतान कर दिया है और विभाग का यह कदम आधारहीन है।
हाई कोर्ट ने जेपी मॉर्गन चेस बैंक की मुंबई शाखा में कॉग्निजंट का बैंक अकाउंट डीफ्रीज करने को कहा ताकि वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को 420 करोड़ रुपए दे सके। हालांकि, कंपनी के बैंक अकाउंट्स को अब भी फ्रीज रखा गया है। गौरतलब है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2,800 करोड़ रुपए का डिविडिंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स डिमांड पूरा नहीं करने पर कॉग्निजेंट के 68 बैंक अकाउंट्स फ्रीज कर दिए थे।