बंदरगाहों से कुकिंग कोयले की ढुलाई अप्रैल-सितंबर में 15.25% बढ़ी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Oct, 2019 12:56 PM

coking coal transportation from ports increased by 15 25 in april september

देश के 12 बंदरगाहों से कुकिंग कोयले की ढुलाई चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 2.93 करोड़ टन रही। बंदरगाहों के संगठन भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) ने यह जानकारी दी। कुकिंग कोयला को मेटालर्जिकल कोयले के नाम से भी जाना जाता है।

नई दिल्लीः देश के 12 बंदरगाहों से कुकिंग कोयले की ढुलाई चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान 15 प्रतिशत बढ़कर 2.93 करोड़ टन रही। बंदरगाहों के संगठन भारतीय बंदरगाह संघ (आईपीए) ने यह जानकारी दी। कुकिंग कोयला को मेटालर्जिकल कोयले के नाम से भी जाना जाता है। इसका मुख्य रूप से उपयोग इस्पात उत्पादन में होता है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बंदरगाहों के जरिये पिछले वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि में 2.54 करोड़ टन कोयले की ढुलाई की गई थी। आईपीए के आंकड़ों के अनुसार, हालांकि तापीय कोयले की ढुलाई आलोच्य अवधि में 13.20 प्रतिशत घटकर 4.49 करोड़ टन रही। आईपीए ने कहा कि इन बंदरगाहों से पिछले वित्त वर्ष अप्रैल-सितंबर के दौरान 5.17 करोड़ टन तापीय कोयले की ढुलाई हुई थी। कुल मिलाकर देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों से माल ढुलाई चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि में मामूली 1.48 प्रतिशत बढ़कर 34.84 करोड़ टन रही। इस बढ़ोतरी की वजह कुकिंग कोल, उर्वरक और लौह अयस्क की ढुलाई में वृद्धि है। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इन बंदरगाहों से माल ढुलाई 34.33 करोड़ टन थी।

ये 12 बंदरगाह दीनदयाल बंदरगाह (पूर्व में कांडला), मुंबई बंदरगाह, जवाहर लाल नेहरू, मुरगांव बंदरगाह, न्यू मंगलौर बंदरगाह, कोच्चि बंदरगाह, चेन्नई बंदरगाह, कामराजार बंदरगाह, वी ओ चिदंबरनार बंदरगाह, विशाखापत्तनम बंदरगाह, पारादीप बंदरगाह और कोलकाता बंदरगाह (हल्दिया समेत) हैं। कुल माल ढुलाई यातायात में इन बंदरगाहों की हिस्सेदारी करीब 60 प्रतिशत है। 

 

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