गांवों में बने कोल्ड स्टोरेज: संसदीय समिति

Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Apr, 2018 01:39 PM

cold storage made in villages

कृषि से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने तैयार फलों एवं सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए दूरदराज के गांवों में सहकारी क्षेत्र में छोटे स्तर पर कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराने की सिफारिश की है।

नई दिल्लीः कृषि से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने तैयार फलों एवं सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए दूरदराज के गांवों में सहकारी क्षेत्र में छोटे स्तर पर कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराने की सिफारिश की है। हुक्मदेव नारायण यादव की अध्यक्षता वाली स्थायी समिति ने हाल में पेश एक रिपोर्ट में फलों एवं सब्जियों को नष्ट होने से बचाने के लिए बड़े स्तर के कोल्ड चेन परियोजनाओं के साथ ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में सहकारिता के माध्यम से छोटे स्तर का कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने की सिफारिश की गई है।

एक अध्ययन के अनुसार कृषि फसलों के तैयार होने के बाद खाद्यान्न, तिलहन, फलों एवं सब्जियों में 4 से 16 प्रतिशत तक का नुकसान होता है, जिसकी कीमत 2014 के मूल्य सूचकांक पर करीब एक लाख करोड़ रुपए सालाना है। इसमें से अधिकांश नुकसान फलों एवं सब्जियों का ही है। कृषि मंत्रालय के नैशनल सेंटर फार कोल्ड चेन डेवलपमेंट ने देश में केवल फलों एवं सब्जियों के लिए कोल्ड चेन सुविधाओं को लेकर एक अध्ययन कराया था। इस में कहा गया कि फलों एवं सब्जियों के लिए 3 करोड़ 51 लाख 662 टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज की जरूरत है जबकि देश में इस समय 3 करोड़ 18 लाख 23 हजार 700 टन क्षमता के ही कोल्ड स्टोरेज हैं यानी 32 लाख 77 हजार टन क्षमता के कोल्ड स्टोरेज की कमी है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!