5G सेवाओं की संभावनाओं का पता लगाने के लिए बनेगी समितिः दूरसंचार सचिव

Edited By Supreet Kaur,Updated: 15 Sep, 2018 12:59 PM

committee to look into the possibilities of 5g services says telecom secretary

दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि उनका विभाग यह पता लगाने के लिए एक समिति बनायेगा कि 5जी प्रौद्योगिकी का उपयोग किन किन क्षेत्रों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग को टेलीमेडिसिन और दूर से शल्यक्रिया, सुरक्षा निगरानी के लिए ड्रोन और...

नई दिल्लीः दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने कहा कि उनका विभाग यह पता लगाने के लिए एक समिति बनायेगा कि 5जी प्रौद्योगिकी का उपयोग किन किन क्षेत्रों में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विभाग को टेलीमेडिसिन और दूर से शल्यक्रिया, सुरक्षा निगरानी के लिए ड्रोन और वायु तथा जल प्रदूषण की निगरानी आदि कार्यों में 5जी प्रौद्योगिकी के प्रयोग के प्रस्ताव मिले हैं।

उन्होंने कहा कि कंपनियों ने प्रारंभिग प्रयोग के मामले तैयार कर पेश किए हैं। ‘हम एक केंद्रीय समूह बना रहे हैं जो यह देखेगा कि इसके प्रयोग के मामलों में क्या क्या है जो हमारे लिए काम का हो सकता है।’ दूरसंचार विभाग ने 5जी प्रौद्योगिकी के उपयोग के तौर तरीकों का विकास करने लिए एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग, सिस्को और एनईसी से संपर्क किया है। इनमें से कुछ कंपनियां काफी काम कर भी चुकी हैं।

उन्होंने कहा कि दूरसंचार कंपनियां 5जी के विकास पर काम कर रहीं हैं पर इस काम में सरकारी क्षेत्र की कंपनी भारत संचार निगम लि (बीएसएनएल) और निजी क्षेत्र की रिलायंस जियो काफी आगे हैं। दूरसंचार सेवा कंपनियों को आवश्यक स्पेक्ट्रम का आवंटन हो जाने के बाद कंपनियां देश में 5जी सेवाएं शुरू कर सकेंगी। भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने विभाग से 8,644 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी की सिफारिश की है। इसका न्यूनतम अनुमानित मूल्य 4.9 लाख करोड़ रुपए आंका गया है। 

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