Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jul, 2020 12:23 PM
देशभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इस वजह से अनलॉक के बावजूद रेस्तरांं-हॉस्पिटैलिटी और एविएशन समेत तमाम सैक्टर्स में फिलहाल सुधार के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पहले से घाटे में चल रहीं कम्पनियां अब
नई दिल्लीः देशभर में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। इस वजह से अनलॉक के बावजूद रेस्तरांं-हॉस्पिटैलिटी और एविएशन समेत तमाम सैक्टर्स में फिलहाल सुधार के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में पहले से घाटे में चल रहीं कम्पनियां अब बजट को कम करने के लिए दूसरी बार कर्मचारियों की छंटनी और वेतन में कटौती की तैयारी कर रही हैं।
कई कम्पनियों ने कर्मचारियों की छंटनी शुरू कर दी है। ऑनलाइन फूड डिलीवरी कम्पनी स्विगी ने सोमवार को 350 कर्मचारियों को हटाने का फैसला किया है।
कोविड.19 संकट के चलते कम्पनी मई से ही छंटनी कर रही है। स्विगी ने मई में हैड ऑफिस और विभिन्न शहरों में 1,100 कर्मचारियों की छंटनी की थी। कम्पनी ने कोविड-19 संकट के दौर में अपने संसाधनों को फिर से व्यवस्थित करने की प्रक्रिया के तहत यह कदम उठाया था। कम्पनी ने एक बयान में कहा कि उसका कारोबार आधा रह गया है। दुर्भाग्य से संसाधन व्यवस्थित करने की इस आखिरी कार्रवाई में उसे और 350 कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ रही है।
हैल्थ और फिटनैस स्टार्टअप ने की छंटनी का ऐलान
इस बीच हैल्थ और फिटनैस स्टार्टअप क्यूरफिट दूसरे फेज में छंटनी और बिना वेतन कर्मचारियों को घर भेजने की तैयारी कर रही है। मई में ही कम्पनी ने 800 कर्मचारियों को निकाला था। अब दोबारा छंटनी करने का ऐलान किया है। बता दें कि क्यूरफिट को फ्लिपकार्ट की स्वामित्व वाली ऑनलाइन फैशन कम्पनी मिंत्रा के को-फाऊंडर मुकेश बंसल ने 2016 में शुरू किया था।
सोशल डिस्टैंसिंग के चलते रेस्तरांं में नहीं जा रहे लोग
कोरोना महामारी के चलते फूड और रेस्तरांं इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। अब जब कहीं लॉकडाऊन है तो कहीं अनलॉक है। ऐसे में रेस्तरांं खुले होने के बावजूद कारोबार नहीं हो रहा है। सोशल डिस्टैंसिंग के चलते लोग अनावश्यक बाहर निकलने से बच रहे हैं। इससे कई रेस्तरांं हमेशा के लिए बंद होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। ऐसे में हजारों की नौकरी खतरे में है।