जेट संकटः नरेश गोयल के स्पोर्ट में अमेरिका व लंदन की कंपनियां

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Apr, 2019 02:49 PM

companies of america and london in naresh goyal s sport

कैश की कमी से जूझ रही देश की पहली प्राइवेट विमान कंपनी जेट एयरवेज को उबारने के लिए अमेरिका के डेलावेयर की कंपनी फ्यूचर ट्रेंड कैपिटल संस्थापक नरेश गोयल की मदद कर सकती है। पिछले दिनों जेट एयरवेज के लिए कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो उ

मुंबईः कैश की कमी से जूझ रही देश की पहली प्राइवेट विमान कंपनी जेट एयरवेज को उबारने के लिए अमेरिका के डेलावेयर की कंपनी फ्यूचर ट्रेंड कैपिटल संस्थापक नरेश गोयल की मदद कर सकती है। पिछले दिनों जेट एयरवेज के लिए कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जो उसके भविष्य को लेकर सवाल खड़े कर रही हैं। इनमें कर्मचारियों की सैलरी, वित्तीय संकट, विमान की संख्या में कटौती भी शामिल है। जेटएयर ग्रुप, जेट एयरवेज की जनरल सेल्स एजेंसी है, जिससे इस कंपनी का जन्म हुआ था। 

फ्यूचर-जेटएयर की बोली पिछले शुक्रवार को शाम 6.08 बजे मिली थी, जबकि इसकी डेडलाइन शाम 6 बजे की थी। जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंक जब कंपनी के लिए निवेशक चुनेंगे तो वे इस बात पर भी गौर कर सकते हैं। फ्यूचर ट्रेंड के साथ गोयल के कनेक्शन और बोली लगाने में देरी के बारे में पूछे गए सवालों का जेटएयर के प्रवक्ता ने जवाब नहीं दिया। 

फ्यूचर ट्रेंड के बारे में अधिक जानकारी नहीं है लेकिन माना जा रहा है कि जेट एयरवेज में हिस्सेदारी लेने के लिए उसे फंड की कमी नहीं होगी। कंपनी के लिए बोली लगाने की शर्तों के मुताबिक, निवेशक की नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपए होनी चाहिए और उसके पास जेट में लगाने के लिए और हजार करोड़ रुपए हों। सूत्रों ने बताया कि लंदन की कंपनी Adi पार्टनर्स भी जेटएयर और फ्यूचर ट्रेंड के ग्रुप के साथ जुड़ी हुई है। एक बैंकर ने बताया कि जेट को बचाने का एक रास्ता यह हो सकता है कि इससे कई निवेशक जोड़े जाएं, जिनका आपस में कोई रिश्ता न हो। उन्होंने बताया, 'एतिहाद एयरवेज, नैशनल इंफ्रास्ट्रक्चर ऐंड इनवेस्टमेंट फंड (एनआईआईएफ) और टीपीजी कैपिटल या इंडिगो पार्टनर्स जैसे प्राइवेट इक्विटी फंड अगर निवेश करें और कंपनी के बढ़े हुए इक्विटी पूल में तीनों में से हरेक 24 फीसदी या उससे कम स्टेक लें तो ओपन ऑफर नहीं लाना पड़ेगा। एतिहाद जेट एयरवेज में अपनी हिस्सेदारी 24 फीसदी से अधिक नहीं बढ़ाना चाहती।' एतिहाद संयुक्त अरब अमीरात की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन है और उसके पास जेट एयरवेज के 24 फीसदी शेयर हैं। 

कंपनी के पास सिर्फ 6 प्लेन बचे हैं। जेट के पूर्व वाइस प्रेजिडेंट और इंडिपेंडेंट एविएशन मैनेजमेंट प्रफेशनल मनीष रनिगा ने बताया, 'बैंक अगर अंतरिम फंडिंग दें तो जेट एयरवेज को बचाया जा सकता है। अगर जेट को नहीं बचाया जाता है तो इससे देश में हवाई सेवा पर बुरा असर पड़ेगा। अगर कंपनी की स्थिति खराब होती रही तो निवेशकों की दिलचस्पी भी घट सकती है।' 

एक अन्य बैंकर ने कहा, 'गोयल और उनके सहयोगियों को जेट एयरवेज की बोली लगाने से नहीं रोका जा सकता। फॉरेंसिक रिपोर्ट में उनके खिलाफ कुछ नहीं निकला था। साथ ही, जेट का लोन रिजॉल्यूशन दिवाला कानून के तहत नहीं हो रहा है, जिसमें मौजूदा प्रमोटरों के कंपनी के लिए बोली लगाने पर पाबंदी है। हालांकि, बोर्ड और कंपनी के मैनेजमेंट से उन्हें दबाव डालकर निकाला गया था। ऐसे में उनकी बोली स्वीकार करनी है या नहीं, यह फैसला कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों को करना है।' 

जेट के सीईओ विनय दूबे ने बैंकों से 1,000 करोड़ की अंतरिम फंडिंग मांगी है। उन्होंने पिछले वीकेंड पर इसके लिए कर्ज देने वाले बैंकों के ग्रुप में शामिल हरेक बैंक को चिट्ठी लिखी थी। कंपनी अभी सिर्फ 6 एटीआर टर्बोप्रॉप प्लेन और एक बोइंग 737 से डोमेस्टिक रूट्स पर उड़ान भर रही है। पिछले साल दिसंबर में उसके पास 124 प्लेन थे। जेट एयरवेज का शेयर पिछले शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 260.45 रुपए पर बंद हुआ था। 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!