Edited By ,Updated: 22 Feb, 2017 11:53 AM
वित्त मंत्री अरुण जेतली ने भारतीय कंपनियों से कहा कि वे कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों...
नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेतली ने भारतीय कंपनियों से कहा कि वे कारपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) गतिविधियों के लिए निरपेक्ष भाव से काम करें और सिर्फ उन प्रस्तावों को ही आगे नहीं बढ़ाएं जो उनके निजी हित को पूरा करते हैं। जेतली ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि पिछले दो-तीन साल में सीएसआर खर्च को लेकर अच्छी शुरुआत हुई है। यह अच्छी तरह से इसके लिए शुरू हुआ है क्योंकि हमने पूरे सीएसआर की गणना नहीं की। यदि पहले साल इसे उचित तरीके से क्रियान्वित किया जाता तो यह 14,000 करोड़ रुपए के करीब होता। लेकिन पूरी राशि का निवेश नहीं हुआ।’’
अनिवार्य सीएसआर खर्च को 2013 में पेश किया गया और इसका क्रियान्वयन 2014 से शुरू हुआ। जेतली ने इस बात पर क्षोभ जताया कि सीएसआर खर्च को लेकर समझ की कमी और इससे इसका उद्देश्य पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब हर बीतते साल के साथ यह विचार बेहतर तरीके से काम कर रहा है। लेकिन इस मामले मेें कड़ा अनुशासन बरतने की जरूरत है और कंपनियों को इसका इस्तेमाल अपने निजी हित के प्रस्तावों पर नहीं करना चाहिए। उन्हें यह खर्च निरपेक्ष तरीके से करना चाहिए।