कंपनियों को कॉरपोरेट कर कटौती का लाभ ग्राहकों को देना चाहिए, बिक्री बढ़ेगी: पारेख

Edited By Supreet Kaur,Updated: 27 Sep, 2019 08:57 AM

companies should give benefit of corporate tax deduction to customers

एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन और जाने-माने बैंकर दीपक पारेख का मानना है कि कॉरपोरेट कर में की गई कटौती से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अच्छा मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को उत्पादों के दाम घटाकर कर में कटौती का फायदा ....

नई दिल्लीः एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन और जाने-माने बैंकर दीपक पारेख का मानना है कि कॉरपोरेट कर में की गई कटौती से आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अच्छा मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को उत्पादों के दाम घटाकर कर में कटौती का फायदा ग्राहकों को पहुंचाना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कर में कटौती से सरकार को कर राजस्व नुकसान और राजकोषीय घाटा बढ़ने की आशंकाओं को भी खारिज कर दिया।

उन्होंने कहा कि एयर इंडिया समेत अन्य कंपनियों में विनिवेश से इस अंतर को पाटने में मदद मिलनी चाहिए। कॉरपोरेट कर में कटौती सहित दूसरी रियायतों से सरकार को 1.45 लाख करोड़ रुपए के राजस्व नुकसान की बात कही गई है। पारेख ने बताया, "हमारी कर की दरें अब काफी प्रतिस्पर्धी हो गई हैं और कॉरपोरेट कर घटने से देश को विनिर्माण इकाइयों को अपनी ओर आकर्षित करने में मदद मिलेगी। ये कंपनियां इससे पहले वियतनाम, कंबोडिया, थाईलैंड, इंडोनेशिया और फिलिपीन जैसे देशों की ओर जा रही हैं।" उन्होंने कहा, "वस्त्र उद्योग जैसे क्षेत्रों में विनिर्माण इकाइयां इन देशों में जा रही हैं। अब कर में कटौती से नया निवेश भारत आ सकता है।"

एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन ने कहा कि सरकार के इस कदम का विदेशी निवेशकों ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा, "मुनाफे वाली कंपनियों को उत्पादों के दाम में कटौती करके इस कटौती का आंशिक लाभ ग्राहकों को भी पहुंचाना चाहिए। कंपनियों को अपना मार्जिन थोड़ा सा कम करना चाहिए ताकि उनकी बिक्री में तेजी आ सके।" पारेख ने कहा, "यदि कंपनियां प्रतिस्पर्धी बनी रहना चाहती हैं और ज्यादा से ज्यादा उत्पाद बेचना चाहती हैं तो उत्पाद की कीमतों को कम करके ग्राहकों को कर में कटौती का लाभ देना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि होटल और कैटरिंग पर जीएसटी दरों में कटौती से इन क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। राजकोषीय घाटा बढ़ने की संभावनाओं पर पारेख ने कहा कि सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि सात-आठ केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को विनिवेश के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल चुकी है। चेयरमैन ने कहा, "एयर इंडिया निजी क्षेत्र को बेचे जाने वाली पहली कंपनी हो सकती है। इसी प्रकार , अन्य सार्वजनिक कंपनियों का भी विनिवेश होगा।" पारेख ने भरोसा जताया कि मांग रफ्तार पकड़ेगी क्योंकि भारत के वृहद आर्थिक बुनियादी कारक मजबूत है और आधा दर्जन से ज्यादा कारक बेहतर स्थिति में हैं। 
 

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