Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Sep, 2017 12:03 PM
देश की दूसरी सबसे बड़ी आई.टी. कंपनी इन्फोसिस ने बताया कि कंपनी के नवनियुक्त नॉन
नई दिल्लीः देश की दूसरी सबसे बड़ी आई.टी. कंपनी इन्फोसिस ने बताया कि कंपनी के नवनियुक्त नॉन एग्जिक्युटिव चेयरमैन नंदन नीलेकणी सैलरी नहीं लेंगे। इन्फोसिस ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में जानकारी देते हुए कहा कि डायरेक्टर के रूप में नीलेकणी 'रिटायरमेंट बाइ रोटेशन' की तरह रहेंगे और उन्हें कोई सैलरी नहीं मिलेगी। रिटायरमेंट बाइ रोटेशन तरीके में किसी कंपनी की सालाना जनरल मीटिंग में एक-तिहाई डायरेक्टर्स इस्तीफा दे फिर चुने जाते हैं। इन्फोसिस ने बताया कि नीलकेणी को बोर्ड का सदस्य सबसे पहली बार 1981 में बनाया गया था और वह 2009 तक बोर्ड के सदस्य रहे थे। 2010 में उन्होंने डायरेक्टर के रूप में उनकी सैलरी 34 लाख थी।
इसके अलावा नीलेकणी के पास कंपनी में 2,13,83,480 इक्विटी शेयर्स हैं। इन्फोसिस के अंतरिम सी.ई.ओ. यूबी प्रवीण राव को उतनी ही सैलरी मिलेगी जितनी उन्हें चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में मिलती थी। 18 अगस्त को विशाल सिक्का के सी.ई.ओ. पद से इस्तीफा देने के बाद राव को कंपनी का अंतरिम सी.ई.ओ. और मैनेजिंग डायरेक्टर बनाया गया था। विशाल सिक्का के एमडी और सीईओ पद से इस्तीफा देने के अगले दिन ही इन्फोसिस के बोर्ड ने शेयर बायबैक प्लान को मंजूरी दे दी थी।