Edited By Supreet Kaur,Updated: 01 Sep, 2019 11:14 AM
देश में राजमार्गों व सड़कों का निर्माण करने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) कर्ज के बोझ तले दब गया है। अथॉरिटी की इस स्थिति के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) ने उसे पत्र लिखकर राजमार्गों के निर्माण पर रोक लगाने को कहा है। एक...
नई दिल्लीः देश में राजमार्गों व सड़कों का निर्माण करने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एन.एच.ए.आई.) कर्ज के बोझ तले दब गया है। अथॉरिटी की इस स्थिति के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पी.एम.ओ.) ने उसे पत्र लिखकर राजमार्गों के निर्माण पर रोक लगाने को कहा है। एक खबर के अनुसार पिछले 5 साल के दौरान प्राधिकरण का कर्ज 7 गुना अधिक बढ़ गया है।
पी.एम.ओ. की तरफ से 17 अगस्त को लिखे गए पत्र में अथॉरिटी से कहा गया कि अनियोजित और सड़कों के अधिक विस्तार के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण में पूरी तरह से गतिरोध पैदा हो गया है। जानकारों का कहना है कि कर्ज बढऩे पर प्राधिकरण को सड़क निर्माण परियोजनाओं को धीमा करना पड़ेगा या फिर सरकार आर्थिक विकास में गति के लिए प्राइवेट सांझेदारों पर निर्भर होगी। सड़क निर्माण करने वाली कई निजी कम्पनियां भारी निवेश के कारण बी.ओ.टी. प्रोजैक्ट में रुचि नहीं दिखाती हैं।
NHAI को रोड एसैट्स मैनेजमैंट कम्पनी के रूप में बदलने का प्रस्ताव
पत्र में कहा गया कि एन.एच.ए.आई. ने भूमि की लागत का कई गुना अधिक भुगतान करने के लिए बाध्य किया। इसके द्वारा निर्माण की जा रही सड़कों की लागत में वृद्धि हुई। इससे सड़क का बुनियादी ढांचा आॢथक रूप से अस्थिर हो गया है। ब्लूमबर्ग के मिले दस्तावेजों के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी के कार्यालय ने एन.एच.ए.आई. को रोड एसैट्स मैनेजमैंट कम्पनी के रूप में बदलने का प्रस्ताव किया है।
एक सप्ताह के भीतर मांगा जवाब
खबर के अनुसार पी.एम.ओ. ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से इस बारे में एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। पी.एम.ओ. का यह निर्णय पी.एम. मोदी के पहले कार्यकाल के बिल्कुल विपरीत है। मालूम हो कि पहले कार्यकाल में मोदी सरकार देश में हाईवे के तेजी से निर्माण के लिए एन.एच.ए.आई. की तारीफों के पुल बांध रही थी। सरकार का कहना था कि प्राधिकरण ने भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनने में मदद की है।
NHAI पर 1.8 खरब रुपए का कर्ज
एस.बी.आई.कैप. सिक्योरिटीज लिमिटेड के अनुसार मौजूदा समय में एन.एच.ए.आई. पर 1.8 खरब रुपए का कर्ज है। प्राधिकरण की तरफ से इस कर्ज पर 140 अरब रुपए ब्याज का भुगतान किया जा रहा है जबकि प्राधिकरण को विभिन्न राजमार्गों पर टोल के रूप में 100 अरब रुपए की कमाई करती है। एंटीक स्टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड के विश्लेषक रोहित नटराजन के अनुसार प्राधिकरण पर वित्त वर्ष 2020 में 56 अरब रुपए, वित्त वर्ष 2021 में 66 अरब रुपए और वित्त वर्ष 2023 में 47 अरब रुपए की कर्ज देयता होने का अनुमान है।