Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Mar, 2022 03:51 PM
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई का भारतीय बाजार से पैसे निकालने का सिलसिला जारी है। एफ पीआई ने मार्च के 3 ट्रेडिंग सेशन में भारतीय बाजारों से 17,537 करोड़ रुपए की निकासी की है। विदेशी निवेशकों की धारणा रूस-यूक्रेन संघर्ष और कच्चे तेल की...
नई दिल्लीः विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई का भारतीय बाजार से पैसे निकालने का सिलसिला जारी है। एफपीआई ने मार्च के 3 ट्रेडिंग सेशन में भारतीय बाजारों से 17,537 करोड़ रुपए की निकासी की है। विदेशी निवेशकों की धारणा रूस-यूक्रेन संघर्ष और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से उत्पन्न अनिश्चितता से प्रभावित हुई।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 2 से 4 मार्च के दौरान इक्विटी से 14,721 करोड़ रुपए और डेट सेगमेंट से 2,808 करोड़ रुपए निकाले हैं। इस दौरान उन्होंने हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स में 9 करोड़ रुपए निकाले हैं। इससे कुल नेट आउटफ्लो 17,537 रुपए करोड़ हो गया।
गौरतलब है कि एफपीआई अक्टूबर, 2021 से लगातार भारतीय बाजारों से निकासी कर रहे हैं। फरवरी, 2022 में एफपीआई की निकासी मार्च, 2020 के बाद सबसे ऊंची रही है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, ‘‘युद्ध से उत्पन्न अनिश्चितता और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से वैश्विक स्तर पर बाजार की धारणा प्रभावित हुई है।’’ मार्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर (मैनेजर रिसर्च) हिमांशु श्रीवास्तव के मुताबिक, विदेशी फ्लोज के संबंध में भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए इस तरह का जियोपॉलिटिकल टेंशन अच्छा नहीं है।