Edited By ,Updated: 13 Dec, 2016 12:53 PM
नोटबंदी के बाद सरकार लगातार कैशलेस व्यवस्था पर जोर देते हुए रोजाना नए कदम उठा रही है।
नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद सरकार लगातार कैशलेस व्यवस्था पर जोर देते हुए रोजाना नए कदम उठा रही है। संगठित क्षेत्र में या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों को अब उनका कॉन्ट्रैक्टर या कंपनी सैलरी चेक या दूसरे कैशलेस तरीके से देगी। श्रम मंत्रालय ने ये कदम कम आय वाले कर्मचारियों को सरकार की कैशलेस मुहिम का हिस्सा बनाने के लिए उठाया है।
ताजा जानकारी के तहत श्रम मंत्रालय असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। मजदूरों को उनका जायज वेतन समय पर मिले और वो कैशलेस मुहिम में शामिल हो सकें, इसके लिए श्रम मंत्रालय मौजूदा वेतन अधिनियम में बदलाव करने जा रहा है। नए नियम के मुताबिक मजूदरों को वेतन चेक या बैंक अकाउंट के जरिए ही मिलेगा। सरकार की इस कोशिश का इंडस्ट्री ने स्वागत किया है।
सरकार के मुताबिक श्रमिकों को नकद में वेतन दिए जाने से भ्रष्टाचार को बल मिलता है और मजदूर सरकार की ओर से तय न्यूनतम वेतन हासिल नहीं कर पाते। ऐसे वर्कर जिनकी आय 18,000 रुपए महीने तक है, वे इस नियम के तहत इलैक्ट्रॉनिक पेमेंट के हकदार होंगे। इस कदम का फायदा रेलवे, एयर ट्रांसपोर्ट, एक्सपोर्ट सेक्टर, मिल्स और खदानों समेत दूसरे सैक्टर्स में ठेके पर काम कर रहे मजदूरों को सबसे ज्यादा होगा।