Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Oct, 2018 06:48 PM
देश में विनिर्माण गतिनिधियों के धीमा पडऩे से मौजूदा वर्ष के अगस्त में कोर उत्पादन की वृद्धि दर 3 महीने के न्यूनतम स्तर 4.2 प्रतिशत पर दर्ज की गई है। सरकार के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त
नई दिल्लीः देश में विनिर्माण गतिनिधियों के धीमा पडऩे से मौजूदा वर्ष के अगस्त में कोर उत्पादन की वृद्धि दर 3 महीने के न्यूनतम स्तर 4.2 प्रतिशत पर दर्ज की गई है। सरकार के सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अभी तक कोर उत्पादन की समग्र दर 5.5 प्रति रही है जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह आंकड़ा 3.0 प्रतिशत था।
अगस्त 2018 में कोर उत्पादन की दर 4.2 प्रतिशत रही है। यह तीन महीने का न्यूनतम स्तर पर है। इससे पहले मई में कोर उत्पादन की दर 4.1 प्रतिशत रही थी। जुलाई 2018 में कोर उत्पाादन की दर 7.3 प्रतिशत और अगस्त 2017 में 4.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी। कोर उत्पादन के आंकड़ों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली उद्योग को शामिल किया जाता हैं।
आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2018 में कोयले का उत्पादन 2.4 प्रतिशत बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष में अभी तक इसकी उत्पादन वृद्धि दर 10.3 प्रतिशत रही है। हालांकि कच्चे तेल के उत्पादन में 3.7 प्रतिशत की कमी आई है। अप्रैल से अगस्त 2018 तक की अवधि में इस क्षेत्र के उत्पादन में 3.3 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। अगस्त 2018 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 1.1 प्रतिशत बढ़ा है जबकि चालू वित्त वर्ष में अभी तक इसका उत्पादन 0.6 प्रतिशत गिरावट में रहा है। आलोच्य माह में रिफाईनरी का उत्पादन 5.1 प्रतिशत बढ़ा है और अप्रैल से अगस्त 2018 की अवधि में यह आंकड़ा 1.7 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
आंकड़ों में बताया गया है कि अगस्त 2018 में इस्पात का उत्पादन 3.9 प्रतिशत, सीमेंट का उत्पादन 14.3 प्रतिशत और बिजली का उत्पादन 5.4 प्रतिशत वृद्धि में रहा है। चालू वित्त वर्ष में अगस्त तक की अवधि में इस्पात का उत्पादन 3.4 प्रतिशत, सीमेंट का उत्पादन 14.7 प्रतिशत और बिजली का उत्पादन 5.3 प्रतिशत वृद्धि में रहा है।